हरिद्वार। चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं उत्तराखंड जनपद शाखा हरिद्वार ने जिला महिला चिकित्सालय की वार्ड आया पूनम के साथ मारपीट और जाति सूचक शब्द कहे जाने को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। इस दौरान मामले में पुलिस प्रसासन के द्वारा कोई कार्यवाही नही किये जाने का विरोध प्रकट किया गया। प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेडा ने धरने की अध्यक्षता की व संचालन शिवनारायण सिंह और राकेश भँवर ने किया। जिला अध्यक्ष शिवनारायण सिंह और जिला मंत्री प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक धवन प्रदेश ऑडिटर, महेश कुमार ने कहा कि कर्मचारी के साथ मारपीट और जातिसूचक शब्दो का प्रयोग करना कानूनन जुर्म है और दादागिरी है जो बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेडा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य राजेन्द्र तेश्वर उपशाखा ऋषिकुल अध्यक्ष छत्रपाल सिंह उपशाखा गुरुकुल मंत्री आशुतोष गैरोला ,ताजबर सिंह ने कहा कि अगर जल्द ही इस संबंध में कार्यवाही नही तो जनपद स्तर पर आंदोलन किया जायेगा। धरना प्रदर्शन में शिवनारायण सिंह दीपक धवन, राकेश भँवर अरुण, छत्रपाल सिंह, रामपाल, मुन्नी देवी, अनिता, संतोष कुमारी, आरती, सरोज, कुसुम, सुमन, सुनीता, ताजबर सिंह, आशुतोष गैरोला, राजेन्द्र तेश्वर, सोम प्रकाश,डॉ विकासदीप, पदम, महेश कुमार रोहित, दिनेश नोटियाल, मूलचंद चैधरी, सुदेश, अजय रानी, नितिन ने भाग लेते हुए आक्रोश प्रकट किया। वही दूसरी ओर रविवार को 11वें दिन भी आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का धरना प्रदर्शन महिला चिकित्सालय में जारी रहा। धरने पर बैठी कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब तक उनकी मांगों को लेकर शासनादेश लागू नहीं होता वह धरने पर रहेंगी। धरना देने वालों में राजेश्वरी चैहान, सविता, सोदाई, सुरेंद्र मालती, रंजीता, लक्ष्मी, दीपा, सुमन, निशा, रीता, कुमकुम, शैल गुप्ता सीमा, परवीन, ममता, सुदेश आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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