हरिद्वार। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त संघर्ष समिति ने शनिवार को केंद्रीय अध्यक्ष सतीश जोशी के नेतृत्व में कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद को मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। कैबिनेट मंत्री ने आंदोलनकारियों को उनकी मांगों को लेकर आश्वस्त किया कि वे मामले में मुख्यमंत्री के समक्ष इन सभी मांगों को रखेंगे। कोशिश करेंगे कि सभी मांगों को सरकार मान ले। केंद्रीय अध्यक्ष सतीश जोशी ने सभी राज्य आंदोलनकारियों को अपनी मांगें पूरी होने तक संघर्ष जारी रखने का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य को भू-माफिया, शराब, खनन और वन माफिया के द्वारा नेताओं के संरक्षण में बर्बाद किया जा रहा है। राज्य सरकार की ढुलमुल नीति, पहाड़ों में उद्योगों का ना लगना, पहाड़ों से पलायन का मूल कारण है जो राज्य के विकास में अवरोध पैदा कर रहा है। पलायन की समस्या से पहाड़ खाली हो रहे हैं। उन्होंने सरकार से प्रदेश में 80 फीसदी रोजगार यहां के मूल निवासियों को देने की मांग करते हुए कहा कि सरकार भू-कानून अध्यादेश, राजधानी गैरसैंण, मूल निवास 1950 की मांग को जल्द लागू करे। मांगों में बताया गया है कि जिलाधिकारी कार्यालय में 19 जनवरी 2018 से 154 राज्य आंदोलनकारियों की सप्रमाण जमा पत्रावली के आधार पर चिन्हीकरण सूची जारी करने की मांग की गई है। वंचित राज्य आंदोलनकारियों को समाचार पत्रों की कतरन के साथ आंदोलन के दौरान की कार्रवाई रजिस्टर के नाम व हस्ताक्षर के आधार पर भी मानक तय कर चिन्हित किया जाने। राज्य आंदोलनकारी को एक समान 10 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दिए जाने के साथ अन्य मांगें उठाई गई। ज्ञापन देने वालों में जसवंत सिंह बिष्ट, एसएस रावत, डॉ. हरीनारायण जोशी, बलवीर नेगी, सतीश जैन, शमशेर खान, बिजेंद्र दत चमोली, गीता चमोली, प्रताप सिंह परिहार, दिनेश भट्ट, दिनेश धीमान, सतीश जैन, रणजीत सिंह रावत, सुनीता राणा पंवार, जगदीश सिंह रावत, भरत सिंह गुसाईं, देवेश्वरी गैरोला, भगवती प्रसाद काला, निशा कुकरेती, दिनेश कुमार,गिरीश सुंद्रियाल, रश्मि चमोली,विजेंद्र चमोली, पुष्पा काला, गीता चमोली,खुशाल सिंह राणा, जमता देवी खरोला, सुनीता जुयाल,शिवानंद डंगवाल,विशाल मणि जोशी, शीशराम शर्मा, अजब सिंह चैहान, उमा देवी बिष्ट, तेज सिंह रावत,निशा कुकरेती, भुवनेश्वरी भट्ट, सुनीता पवार, डीएन जुयाल, मंजू रावत, सोना रतूड़ी, बागेश्वरी थपलियाल, सुमति थपलियाल, माधवानंद पंत आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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