हरिद्वार। विश्व हिंदू परिषद द्वारा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के ब्रह्मलीन अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि को भावपूर्ण श्रद्धाजंलि दी गई। उत्तरी हरिद्वार स्थित श्री अग्रेसन आश्रम में आयोजित सभा की अध्यक्षता करते हुए निर्मल पीठाधीश्वर श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह ने कहा कि श्रीमहंत नरेंद्र गिरि इतने कमजोर नहीं थे जो उनकी मृत्यु इस प्रकार हो। जो दिख रहा है वह है नहीं और जो है वह दिख नहीं रहा। श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहते हुए सभी को साथ लेकर चले। सभी को एक समान जुटकर कुंभ का सफल संचालन किया। निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर ललितानन्द गिरी ने कहा कि श्रीमहंत नरेंद्र गिरि जीवट व्यक्तितत्व के धनी थे। उन्होंने जो कहा वो किया। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी धार्मिक परंपराओं को जीवित रखा। महामंडलेश्वर डा. प्रेमानंद ने कहा श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु जिन परिस्थितियों में हुई है वह सबको चैंकाने वाली है। श्रीमहंत विष्णु दास ने विश्वास जताया कि श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की मौत का रहस्य सीबीआई जल्द खोलेगी। महंत रविंद्र शास्त्री, बाबा हठयोगी, महंत दिनेश दास, आचार्य पुष्पेंद्र पुरी,महंत प्रहलाद दास, स्वामी प्रकाशानंद, महंत प्रेमदास, महंत दुर्गादास, महंत मनसा दास, महंत देवआनंद आदि ने भी श्रद्धाजंलि दी। सभा का संचालन विश्व हिंदू परिषद केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी ने किया। कार्यक्रम संयोजक प्रांत धर्माचार्य संपर्क प्रमुख राकेश बजरंगी, आरएसएस के जिला संचालक रोहिताश चैहान, रमेश उपाध्याय, अनिल गुप्ता, डॉ. रतनलाल, अमित शर्मा, पंकज चैहान, वीर सेन मानव, जिला धर्माचार्य संपर्क प्रमुख मयंक चैहान, सतीश शर्मा, भाजपा मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी, तरुण नैय्यर, पार्षद अनिल मिश्रा आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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