हरिद्वार। वेतन नहीं मिलने से परेशान हरिद्वार औद्योगिक क्षेत्र स्थित ऑटोमोबाइल्स इंडस्ट्रीज कंपनी के कर्मचारी कंपनी गेट पर धरने पर बैठ गए। भीम आर्मी ने भी मौके पर पहुंचकर कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया। लगभग एक सप्ताह से 80 कर्मचारी कंपनी प्रबंधन के खिलाफ धरना दे रहे हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि पिछले 3 महीने से उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा। समस्त कर्मचारी ठेकेदारी प्रथा का शिकार हुए हैं। वेतन नहीं मिलने के कारण उनके सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। कर्मचारियों ने बताया कि अधिकांश कर्मचारी किराए के मकान में रहते हैं। वेतन नहीं मिलने के कारण किराया देना भी मुश्किल हो गया है। मकान मालिक मकान खाली करने को कह रहे है। वेतन नहीं मिलने से आर्थिक शोषण के साथ.साथ मानसिक तनाव भी झेलना पड़ रहा है। कर्मचारियों ने कहा कि कंपनी प्रबंधन से कई बार वार्ता करने के बाद भी वेतन नहीं मिल रहा है। कर्मचारी ठेकेदार व कंपनी के बीच फंस गए हैं। ठेकेदार कहता है कंपनी से पैसा नहीं मिलने के कारण वह कर्मचारियों को वेतन देने में असमर्थ है। कर्मचारियों ने बताया कि कंपनी के खिलाफ लेबर कोर्ट में भी शिकायत दर्ज कराई गई है जिसका 2 दिन बाद परिणाम आना है। पिछले दस वर्षों से कंपनी में कार्य कर रहे हैं। वेतन मांगने पर बाहर निकालने की धमकी दी जाती है। धरना देने वालों में शकुंतला, बिंदिया, प्रदीप, संजय, नूतन, पुष्पा, राजकुमार, राजेंद्र, विनय, डिंपल, रेनू, विनोद, ममता, पितांबर, सचिन, विक्की, पिंकी, संदीप, परविंदर, नितिन, संजू, राजेश, आकाश, प्रदीप, आदेश, सुशीला, सीमा, कमल, हेमंत, राजगोपाल, दीपक, मोनू, अमित संजय, पवन, शेखर, डिंपल, नीलू आदि शामिल थे।
हरिद्वार। वेतन नहीं मिलने से परेशान हरिद्वार औद्योगिक क्षेत्र स्थित ऑटोमोबाइल्स इंडस्ट्रीज कंपनी के कर्मचारी कंपनी गेट पर धरने पर बैठ गए। भीम आर्मी ने भी मौके पर पहुंचकर कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया। लगभग एक सप्ताह से 80 कर्मचारी कंपनी प्रबंधन के खिलाफ धरना दे रहे हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि पिछले 3 महीने से उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा। समस्त कर्मचारी ठेकेदारी प्रथा का शिकार हुए हैं। वेतन नहीं मिलने के कारण उनके सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। कर्मचारियों ने बताया कि अधिकांश कर्मचारी किराए के मकान में रहते हैं। वेतन नहीं मिलने के कारण किराया देना भी मुश्किल हो गया है। मकान मालिक मकान खाली करने को कह रहे है। वेतन नहीं मिलने से आर्थिक शोषण के साथ.साथ मानसिक तनाव भी झेलना पड़ रहा है। कर्मचारियों ने कहा कि कंपनी प्रबंधन से कई बार वार्ता करने के बाद भी वेतन नहीं मिल रहा है। कर्मचारी ठेकेदार व कंपनी के बीच फंस गए हैं। ठेकेदार कहता है कंपनी से पैसा नहीं मिलने के कारण वह कर्मचारियों को वेतन देने में असमर्थ है। कर्मचारियों ने बताया कि कंपनी के खिलाफ लेबर कोर्ट में भी शिकायत दर्ज कराई गई है जिसका 2 दिन बाद परिणाम आना है। पिछले दस वर्षों से कंपनी में कार्य कर रहे हैं। वेतन मांगने पर बाहर निकालने की धमकी दी जाती है। धरना देने वालों में शकुंतला, बिंदिया, प्रदीप, संजय, नूतन, पुष्पा, राजकुमार, राजेंद्र, विनय, डिंपल, रेनू, विनोद, ममता, पितांबर, सचिन, विक्की, पिंकी, संदीप, परविंदर, नितिन, संजू, राजेश, आकाश, प्रदीप, आदेश, सुशीला, सीमा, कमल, हेमंत, राजगोपाल, दीपक, मोनू, अमित संजय, पवन, शेखर, डिंपल, नीलू आदि शामिल थे।
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