हरिद्वार। उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से कनिष्ठ सहायक सहित विभिन्न पदों के लिए 31अक्टूबर को होने वाली लिखित परीक्षा को सुचारू एवं निकलविहीन सम्पन्न कराने के लिए जिलाधिकारी ने परीक्षा केन्दों पर सुरक्षा सहित जरूरी इंतजामात पुख्ता करनेक के निर्देश दिए है। जिलाधिकारी की ओर से कहा गया है कि 31अक्टूबर रविवार को प्रातः 10ः00 बजे से दोपहर 12ः00 बजे तक तथा द्वितीय पाली अपराह्न 02ः00 बजे ये 04ः00 बजे के मध्य पदनाम-कनिष्ठ सहायक व अन्य इंटरमीडिएट स्तरीय पदों पर चयन हेतु लिखित परीक्षा का आयोजन जनपद के विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर किया जा रहा है। प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर एक पर्यवेक्षक, एक मजिस्ट्रेट तथा न्यूनतम एक महिला व एक पुरूष कांस्टेबलध्होमगार्ड की तैनाती के निर्देश दिये गये हैं, जिससे अभ्यर्थियों की फ्रिस्किंग अच्छे से हो तथा कोई डिवाइस या मोबाइल आदि परीक्षा कक्ष में न जा सके। मजिस्ट्रेट,पर्यवेक्षक परीक्षा केन्द्र पर चैकिंग, फ्रिस्किंग के साथ-साथ शान्ति व्यवस्था बनाये रखेंगे तथा परीक्षाओं की गोपनीयता व शुचिता से संचालन करने का कार्य करेंगे। उक्त परीक्षा को शंातिपूर्ण सम्पन्न कराने के लिए अपर जिलाधिकारी पी0एल0 शाह, को नोडल अधिकारी (परीक्षा) नामित किया गया है। आयोग से प्राप्त निर्देशों के क्रम में परीक्षा को निर्विघ्न, नकलविहीन एवं शान्तिपूर्णं ढंग से सम्पन्न कराने हेतु प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर सैक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गयी है। परीक्षा केन्द्रों पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विधि एवं शान्ति बनाये रखने हेतु 01 महिला एवं 01 पुरूष पुलिस कर्मी की तैनाती एवं प्रत्येक सैक्टर मजिस्ट्रेट के साथ 02 सशस्त्र पुलिस कर्मियों की तैनाती तथा जिला कमाण्डेन्ट होमगार्डस को प्रत्येक परीक्षा केन्द्रों पर एक-एक होमगार्ड की तैनाती करने के निर्देश दिये गये हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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