हरिद्वार। भूमा पीठाधीश्वर स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि गंगा तट पर श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से अक्षण पुण्य की प्राप्ति होती है। कथा श्रवण के प्रभाव से व्यक्ति का जीवन बदल जाता है। रविवार को भूपतवाला स्थित भूमाघाट पर शुरू हुई श्रीमद्भागवत कथा के शुभारंभ पर निकाली गयी कलश यात्रा के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान व वह भण्डार है। जिसे जितना ग्रहण करो, जिज्ञासा उतनी ही बढ़ती है। प्रत्येक श्रद्धालु भक्त को समय निकालकर कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। कथा के यजमान विजय शर्मा, सुरेश शर्मा, हरिओम शर्मा को कथा आयोजन के लिए साधुवाद देते हुए उन्होंने कहा कि गंगा तट पर संत महापुरूषों के सानिध्य में श्रद्धालु भक्तों को कथा श्रवण का अवसर प्रदान करना बेहद पुनीत कार्य है। कथा व्यास वेदप्रकाश ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा भक्त व भगवान की संयुक्त कथा है।कथा श्रवण करने व मनन करने से जीवन में अनेक सकारात्मक बदलाव आते हैं। सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। परिवार में सुख समृद्ध व प्रगति का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने कहा कि गंगा तट पर श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन व श्रवण बेहद दुलर्भ अवसर होता है। सभी को इस अवसर का लाभ अवश्य उठाना चाहिए। कथा यजमान विजय शर्मा, सुरेश शर्मा व हरिओम शर्मा ने व्यासपीठ की आरती कर स्वामी अच्युतानंद तीर्थ महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर राजेद्र शर्मा, देवराज तोमर, भाजयुमो जिला महामंत्री विदित शर्मा, सुनील कुमार आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।
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