हरिद्वार। शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष शाम्भवी पीठाधीश्वर स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने सरकार से देवस्थानम् बोर्ड को तत्काल निरस्त करने की मांग की है। साथ ही हिमालय में गैर हिंदुओं का प्रवेश रोकने के लिए कानून लागू करने की मांग भी की। प्रैस को जारी बयान में स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने कहा कि देवस्थानम् बोर्ड के जरिए सरकार उत्तराखण्ड में मौजूद मठ मंदिरों पर नियंत्रण करना चाहती है। जिसे कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। सरकार को तत्काल निर्णय लेकर बोर्ड को निरस्त करना चाहिए। साथ ही हिमालय क्षेत्र में गैर हिन्दुओं का प्रवेश रोकने के लिए कानून लागू करना चाहिए। स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने कहा कि हिमालय बसने का स्थान नहीं, देवालय तथा ऋषि मुनियों की तपस्थली है। लेकिन बड़ी संख्या में गैर हिन्दू हिमलाय क्षेत्र में बस रहे हैं। जिससे यहां की डेमोग्राफी बदल रही है। हिमालय क्षेत्र में गैर हिन्दुओं का प्रवेश रोकने की मांग को लेकर शंकराचार्य परिषद, काली सेना एवं अंतरराष्ट्रीय युवा परिषद द्वारा निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत पांच दिसम्बर को पौड़ी के रामलीला मैदान में विशाल हिन्दू पंचायत का आयोजन किया जा रहा है। पंचायत में पुरजोर तरीके से सरकार से हिमालय में गैर हिन्दुओं का प्रवेश रोकने के लिए कानून लागू करने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि देवस्थानम् बोर्ड के विरोध में आवाज उठाने की मुख्य जिम्मेदारी संत समाज पर है। उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि देवस्थानम् बोर्ड निरस्त करने तथा हिमालय में गैर हिन्दुओं का प्रवेश रोकने की मांग के समर्थन में संतों व समस्त संत समाज को आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मठ मंदिरों के अधिग्रहण पर भी सरकार को रोक लगानी चाहिए। देश भर में सरकारों द्वारा अधिग्रहित किए गए साढ़े तीन लाख से अधिक मठ मंदिरों को मुक्त किया जाए। यदि सरकार मांगे नहीं मानती है तो संत समाज सड़कों पर उतरकर विरोध करेगा। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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