हरिद्वार। त्तराखंड सरकार के देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के निर्णय पर विश्व हिंदू परिषद, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है। विश्व हिन्दू परिषद की केन्द्रीय प्रबंध समिति एवं प्रन्यासी मंडल बैठक में पारित प्रस्ताव मठ मंदिरों को सभी नियंत्रण से मुक्त किए जाना चाहिए, के परिप्रेक्ष्य में विश्व हिन्दू परिषद उत्तराखंड ने सरकार से उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम अधिनियम 2019 को निरस्त कर देवभूमि उत्तराखंड के सभी मठ मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर सामाजिक, धार्मिक व्यक्तियों के द्वारा मठ-मंदिर, तीर्थस्थलों के संचालन की व्यवस्था सुनिश्चित हो, की मांग पर विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री श्रीमान सुरेंद्र जैन के साथ एक प्रतिनिधि मंडल ने विगत विगत 15 अगस्त को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंटवार्ता कर कहा था कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात से ही भारतीय जनमानस के साथ देवतुल्य संत समाज धर्मांतरण विरोधी कानून के साथ मठ मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराए जाने की मांग करता रहा हैं। मंदिरों के अधिग्रहण की व्यवस्था अंग्रेजो नें मंदिरों की संपत्ति पर स्थाई रूप से कब्जा करने की मंशा से की थी। यह उपनिवेश मानसिकता का परिणाम है कि यह व्यवस्था स्वतंत्रता के बाद भी जारी है। न्यायपालिका ने भी कई मामलों में निर्देश दिए हैं कि सरकारों को मंदिरों का संचालन नहीं करना चाहिए। उत्तराखंड का संत समाज एवं हिन्दू समाज इस विषय को लेकर बेहद आक्रोशित हैं इसलिये विश्व हिन्दू परिषद उत्तराखंड सरकार से मांग करती है उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम अधिनियम को रद्द कर सामाजिक, धार्मिक नेतृत्व के द्वारा उत्तराखंड के देव स्थानों की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के समस्त हिंदू जनमानस की भावनाओं का सम्मान करते हुए उक्त देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का निर्णय किया हैं। विश्व हिंदू परिषद, उत्तराखंड उत्तराखंड सरकार के निर्णय पर आभार प्रकट करती हैं।
हरिद्वार। त्तराखंड सरकार के देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के निर्णय पर विश्व हिंदू परिषद, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है। विश्व हिन्दू परिषद की केन्द्रीय प्रबंध समिति एवं प्रन्यासी मंडल बैठक में पारित प्रस्ताव मठ मंदिरों को सभी नियंत्रण से मुक्त किए जाना चाहिए, के परिप्रेक्ष्य में विश्व हिन्दू परिषद उत्तराखंड ने सरकार से उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम अधिनियम 2019 को निरस्त कर देवभूमि उत्तराखंड के सभी मठ मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर सामाजिक, धार्मिक व्यक्तियों के द्वारा मठ-मंदिर, तीर्थस्थलों के संचालन की व्यवस्था सुनिश्चित हो, की मांग पर विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री श्रीमान सुरेंद्र जैन के साथ एक प्रतिनिधि मंडल ने विगत विगत 15 अगस्त को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंटवार्ता कर कहा था कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात से ही भारतीय जनमानस के साथ देवतुल्य संत समाज धर्मांतरण विरोधी कानून के साथ मठ मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराए जाने की मांग करता रहा हैं। मंदिरों के अधिग्रहण की व्यवस्था अंग्रेजो नें मंदिरों की संपत्ति पर स्थाई रूप से कब्जा करने की मंशा से की थी। यह उपनिवेश मानसिकता का परिणाम है कि यह व्यवस्था स्वतंत्रता के बाद भी जारी है। न्यायपालिका ने भी कई मामलों में निर्देश दिए हैं कि सरकारों को मंदिरों का संचालन नहीं करना चाहिए। उत्तराखंड का संत समाज एवं हिन्दू समाज इस विषय को लेकर बेहद आक्रोशित हैं इसलिये विश्व हिन्दू परिषद उत्तराखंड सरकार से मांग करती है उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम अधिनियम को रद्द कर सामाजिक, धार्मिक नेतृत्व के द्वारा उत्तराखंड के देव स्थानों की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के समस्त हिंदू जनमानस की भावनाओं का सम्मान करते हुए उक्त देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का निर्णय किया हैं। विश्व हिंदू परिषद, उत्तराखंड उत्तराखंड सरकार के निर्णय पर आभार प्रकट करती हैं।
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