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भगवान काल भैरव की साधना संकटों का हरण करती है


 हरिद्वार। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी एवं प्राचीन हनुमान मंदिर के महंत रविपुरी महाराज ने कहा कि भगवान काल भैरव की साधना संकटों का हरण करती है। काल भैरव की कृपा हो जाए तो बुरी शक्तियां दूर से ही देख कर भाग जाती हैं। काम में कोई अड़चन नहीं आती है। सभी दुख दूर हो जाते हैं। काल भैरव जयंती के अवसर पर प्राचीन हनुमान मंदिर में महंत रविपुरी महाराज के सानिध्य में काल भैरव की पूजा अर्चना व प्रसाद वितरण किया गया। काल भैरव जयंती के बारें में बताते हुए महंत रविपुरी महाराज ने कहा काल भैरव शिव का ही रुप हैं। काल भैरव अष्टमी या जयंती कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनायी जाती है। शिव से उत्पन्न हुए काल भैरव के दो रूप हैं, बटुक भैरव और दूसरे से काल भैरव। भैरव का मतलब है भय को हरने वाला। उन्होंने बताया कि काल भैरव भगवान शिव का रौद्र, विकराल एवं प्रचंड स्वरूप है। तंत्र साधना के देवता काल भैरव की पूजा रात में की जाती है। इसलिए अष्टमी में प्रदोष व्यापनी तिथि का विशेष महत्व होता है। यह दिन तंत्र साधना के लिए उपयुक्त माना गया है। काल भैरव को दंड देने वाला देवता भी कहा जाता है। इसीलिए इनका शस्त्र दंड है। इस अवसर पर अंकित पुरी, पुष्पेंद्र शर्मा, आयुष, बालमुकुंद, नवीन, नीरज शर्मा, पंकज, भरत, गोपाल पटवर, अनिल कुमार, रमन, अलका, उमा, चिराग, आशु, मयंक, मुकुल, अमन, हिमांशु, अंकुर, पीयूष जाटव आदि श्रद्धालुजन उपस्थित रहे। 


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ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

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धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को ...