हरिद्वार। कनखल स्थित ऐतिहासिक निर्मल विरक्त कुटिया गुरुद्वारे में गुरु नानक देव का प्रकाशोत्सव धूमधाम से मनाया गया। बाबा सुखा सिंह करनाल वाले के देखरेख में आयोजित कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु गुरुद्वारे पहुंचे और श्री गुरु ग्रंथ साहब के आगे माथा टेका। इस अवसर पर ढाडी जत्था भाई सुरेंद्र सिंह अमृतसर वाले ने कथा सुना कर श्रद्धालुओं को निहाल किया व ज्ञानी शमशेर सिंह ने शब्द कीर्तन द्वारा गुरु नानक के जीवन पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर पोंटा साहब से आए बाबा लाडी ने कहा कि गुरु नानक देव के बताए मार्ग पर चलकर मनुष्य अपना जीवन सफल बना सकता है। बाबा पंडत ने बताया कि गुरुद्वारे में प्रत्येक वर्ष धूमधाम के साथ गुरु नानक देव व अन्य गुरुओं का प्रकाश उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। जिसमें आस-पास के गांव व शहर के सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं। कार्यक्रम में उज्जल सिंह, सतपाल सिंह, मालक सिंह, सोनू सिंह, हरजोत सिंह, अनूप सिंह, तरनजीत सिंह, जुझार सिंह, गगनदीप सिंह, सुखदेव सिंह, लवली सिंह, लव शर्मा, विक्रम सिंह, लाहौरी सिंह, ज्ञानी अवतार सिंह, आदि सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे। वही ज्ञान गोदडी गुरद्वारा धरना स्थल पर भी प्रकाश उत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर संत जगजीत सिंह शास्त्री ने कहा कि धरना स्थल पर प्रतिवर्ष पिछले 5 वर्षों से प्रकाश उत्सव व अन्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ऐतिहासिक ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारे के लिए दिए जा रहे धरने के प्रति शासन प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। हरजीत सिंह दुआ ने कहा कि जब तक गुरुद्वारे के लिए भूमि आवंटित नहीं होती है तब तक धरना जारी रहेगा। इस अवसर पर जीत सिंह कुलवंत कौर गुरप्रीत सिंह सुभाष सिंह मनमोहन सिंह राजेंद्र सिंह रविंदर सिंह मनजीत सिंह सुरेंद्र सिंह सोहन सिंह सत्येंद्र सिंह आदि सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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