हरिद्वार। पतंजलि योग विवि के कुलाधिपति योगगुरू स्वामी रामदेव और कुलपति आचार्य बालकृष्ण के पावन आशीर्वाद तथा विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति के मार्गदर्शन में वैदिक संस्कृति ज्ञान विज्ञान की महानतम परंपरा पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। बी.ए. योग विज्ञान विभाग की ओर से प्रशासनिक भवन के आॅडिटोरियम में आयोजित व्याख्यान में विश्वविद्यालय के बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम में प्रति कुलपति प्रोफेसर महावीर अग्रवाल ने वेद और वेदों से निकली विज्ञान की महत्ता पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने स्वामी रामदेव द्वारा वैदिक संस्कृति के विविध तत्वों की पुनस्र्थापना के प्रयत्नों को विद्यार्थियों के समक्ष प्रकट किया। स्वामी परमार्थ देव ने वेदों की स्वीकार्यता और उनके बताए मार्ग पर चलने को प्रेरित किया। वैदिक संस्कृति की महानता पर विद्यार्थियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए जिनमें प्रथम स्थान बी.ए. द्वितीय वर्ष की छात्रा वरुणी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। अतिथियों का स्वागत और धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के संयोजक डाॅ. बिपिन दुबे ने किया। इस अवसर पर डाॅ. विनय, डाॅ. निधीश, डाॅ. लक्ष्मी शंकर रथ, डाॅ. अभिषेक, डाॅ. आदित्य, कपिल शास्त्री, संदीप मानिकपुरी, डाॅ. वैशाली, डाॅ. आरती, डाॅ. अंजू त्यागी, डाॅ. निवेदिता, रचना, मोनिका, स्वामी सोमदेव तथा उनके साथ पूरी टीम और विश्वविद्यालय के सभी कर्मयोगियों की गरिमामय उपस्थिति रही। पतंजलि विश्वविद्यालय के संबद्व एवं अनुप्रयुत्तफ विज्ञान विभाग द्वारा एकल उपयोग प्लास्टिक को ना कहें विषय पर एक पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन विश्वविद्यालय के सम्मानित अधिकारियों द्वारा किया गया। छात्रों ने बहुत प्रभावशाली पोस्टर बनाए और अपनी थीम के बारे में भी बताया। कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन एवं संचालन डाॅ. निवेदिता शर्मा, सहायक प्रोफेसर, संबद्व और अनुप्रयुत्तफ विज्ञान विभाग द्वारा किया गया। कार्यक्रम का समापन डाॅ निवेदिता शर्मा द्वारा परिणाम की घोषणा और धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।
हरिद्वार। पतंजलि योग विवि के कुलाधिपति योगगुरू स्वामी रामदेव और कुलपति आचार्य बालकृष्ण के पावन आशीर्वाद तथा विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति के मार्गदर्शन में वैदिक संस्कृति ज्ञान विज्ञान की महानतम परंपरा पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। बी.ए. योग विज्ञान विभाग की ओर से प्रशासनिक भवन के आॅडिटोरियम में आयोजित व्याख्यान में विश्वविद्यालय के बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम में प्रति कुलपति प्रोफेसर महावीर अग्रवाल ने वेद और वेदों से निकली विज्ञान की महत्ता पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने स्वामी रामदेव द्वारा वैदिक संस्कृति के विविध तत्वों की पुनस्र्थापना के प्रयत्नों को विद्यार्थियों के समक्ष प्रकट किया। स्वामी परमार्थ देव ने वेदों की स्वीकार्यता और उनके बताए मार्ग पर चलने को प्रेरित किया। वैदिक संस्कृति की महानता पर विद्यार्थियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए जिनमें प्रथम स्थान बी.ए. द्वितीय वर्ष की छात्रा वरुणी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। अतिथियों का स्वागत और धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के संयोजक डाॅ. बिपिन दुबे ने किया। इस अवसर पर डाॅ. विनय, डाॅ. निधीश, डाॅ. लक्ष्मी शंकर रथ, डाॅ. अभिषेक, डाॅ. आदित्य, कपिल शास्त्री, संदीप मानिकपुरी, डाॅ. वैशाली, डाॅ. आरती, डाॅ. अंजू त्यागी, डाॅ. निवेदिता, रचना, मोनिका, स्वामी सोमदेव तथा उनके साथ पूरी टीम और विश्वविद्यालय के सभी कर्मयोगियों की गरिमामय उपस्थिति रही। पतंजलि विश्वविद्यालय के संबद्व एवं अनुप्रयुत्तफ विज्ञान विभाग द्वारा एकल उपयोग प्लास्टिक को ना कहें विषय पर एक पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन विश्वविद्यालय के सम्मानित अधिकारियों द्वारा किया गया। छात्रों ने बहुत प्रभावशाली पोस्टर बनाए और अपनी थीम के बारे में भी बताया। कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन एवं संचालन डाॅ. निवेदिता शर्मा, सहायक प्रोफेसर, संबद्व और अनुप्रयुत्तफ विज्ञान विभाग द्वारा किया गया। कार्यक्रम का समापन डाॅ निवेदिता शर्मा द्वारा परिणाम की घोषणा और धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।
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