हरिद्वार। दो साल तक कोरोना की पाबंदियां रहने के बाद इस साल पांबदिया खत्म होने के बाद महाशिवरात्रि की कांवड़ यात्रा तेजी से चरम की ओर अग्रसर है। जलाभिषेक के लिए गंगाजल लेने बड़ी तादाद में शिवभक्तो की टोली तीर्थनगरी पहुच रही है। बुधवार को हरिद्वार नजीबाबाद राजमार्ग पर कांवड़ियों की भारी भीड़ के चलते राजमार्ग पर रह रहकर जाम की स्थिति बनती रही। वहीं महाशिरात्रि पर उमड़ी कांवड़ की भीड़ से दुकानदारों के चेहरे फिर भी मुस्कान लौट आई है। कोरोना की पाबंदियां खत्म होने के बाद धर्म नगरी बोल बम के जयकारों से गूंजने लगी है। कोरोना संक्रमण के चलते कावड़ यात्रा पर प्रशासन द्वारा 2 वर्ष तक पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था। कोरोना के कारण 2021 में महाशिवरात्रि में भी कांवड़ यात्रा पर भी प्रतिबंध लग गया था। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के कारण महाशिवरात्रि पर कांवड़ियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। बुधवार को काफी संख्या में कांवड़िए नजीबाबाद मार्ग पर उमड़ पड़े। जिसके चलते वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित हो गई। कांवड़ यात्रा वाले मार्ग पर दुकान करने वाले दुकानदार भी कांवड़ यात्रा के चलने पर काफी उत्साहित दिखे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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