हरिद्वार। भैरव सेना संगठन के जिला अध्यक्ष चरणजीत पाहवा ने जिला प्रशासन से कांवड मेले व महाशिवरात्रि पर्व को देखते हुए मांस के कारोबार रोक लगाने की मांग की है। प्रैस को जारी बयान में चरणजीत पाहवा ने कहा कि कोविड प्रतिबंधों से छूट मिलने के बाद बड़ी संख्या में कांवड़िएं गंगा जल भरने हरिद्वार आ रहे हैं। महाशिवरात्रि का पर्व नजदीक है और रोजाना हजारों की संख्या में कांवड़िएं गंगा जल लेकर अपने गंतव्यों की और लौट रहे हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं की भावना को देखते हुए नगर निगम क्षेत्र में मांस के कारोबार पर रोक लगायी जानी चाहिए। मांस कारोबारियों द्वारा नाले में बहाए जा रहे अवशेष गंगा में गिरकर गंगा जल को प्रदूषित ना करें। इसका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। खाद्य सुरक्षा विभाग को भी इस संबंध में कड़े कदम उठाने चाहिए। महाशिवरात्रि पर्व संपन्न होने तक मांस के कारोबार पर रोक लगायी जानी चाहिए। जिससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत ना हों। पाहवा ने कहा कि दो वर्ष बाद कांवड़ मेला होने से व्यापारियों को कुछ राहत मिली है। सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होगी। इसलिए कांवड़ मेले को सकुशल संपन्न कराने के लि सभी आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। धार्मिक भावनाएं आहत ना हो इसका प्रशासन को विशेष ध्यान रखना चाहिए।
हरिद्वार। भैरव सेना संगठन के जिला अध्यक्ष चरणजीत पाहवा ने जिला प्रशासन से कांवड मेले व महाशिवरात्रि पर्व को देखते हुए मांस के कारोबार रोक लगाने की मांग की है। प्रैस को जारी बयान में चरणजीत पाहवा ने कहा कि कोविड प्रतिबंधों से छूट मिलने के बाद बड़ी संख्या में कांवड़िएं गंगा जल भरने हरिद्वार आ रहे हैं। महाशिवरात्रि का पर्व नजदीक है और रोजाना हजारों की संख्या में कांवड़िएं गंगा जल लेकर अपने गंतव्यों की और लौट रहे हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं की भावना को देखते हुए नगर निगम क्षेत्र में मांस के कारोबार पर रोक लगायी जानी चाहिए। मांस कारोबारियों द्वारा नाले में बहाए जा रहे अवशेष गंगा में गिरकर गंगा जल को प्रदूषित ना करें। इसका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। खाद्य सुरक्षा विभाग को भी इस संबंध में कड़े कदम उठाने चाहिए। महाशिवरात्रि पर्व संपन्न होने तक मांस के कारोबार पर रोक लगायी जानी चाहिए। जिससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत ना हों। पाहवा ने कहा कि दो वर्ष बाद कांवड़ मेला होने से व्यापारियों को कुछ राहत मिली है। सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होगी। इसलिए कांवड़ मेले को सकुशल संपन्न कराने के लि सभी आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। धार्मिक भावनाएं आहत ना हो इसका प्रशासन को विशेष ध्यान रखना चाहिए।
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