हरिद्वार। तीर्थनगरी में शराब और स्मैक के बढ़ते प्रकोप को लेकर राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण समिति के पदाधिकारियों ने वर्चुअल बैठक की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष मधुसूदन आर्य ने कहा कि हरिद्वार क्षेत्र में शराब का नशा बढ़ रहा है। दूसरी ओर स्मैक का कारोबार भी बहुत ही तेजी के साथ फैल रहा है। यह नशा किशोर और युवा पीढ़ी को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। उन्होंने हरिद्वार प्रशासन से आग्रह किया की हरिद्वार क्षेत्र में बढ़ते स्मैक को रोका जाए। उन्होंने अभिभावकों और स्कूल के प्राध्यापकों से भी बच्चों पर नजर रखने की अपील की। डॉ. पवन सिंह ने कहा कि स्मैक जैसे नशे की लत की चपेट में हर तरह के युवा आ रहे हैं। इसके लिए अशिक्षित और शिक्षित होना कोई मायने नहीं रखता है। हालात चुनौतीपूर्ण इसलिए भी होते जा रहे हैं कि अब युवा वर्ग शराब की बजाए स्मैक के चंगुल में फंस रहा है। विमल कुमार गर्ग ने कहा कि कमजोर आर्थिक स्थिति वाले और स्कूल-कॉलेज के बच्चे इसी वजह से अपने नशे की पूर्ति के लिए छोटी चोटी चोरियां, चैन स्केचिंग, दुपहिया वाहन चोरी जैसे अपराध करने लगते हैं। आए दिन इस तरह की घटनाएं सामने आने लगी हैं। इस तरह के अपराध में किशोरों व युवाओं के सम्मलित होने के पीछे नशे की लत एक बहुत बड़ा कारक बन रहा है। राजीव राय ने कहा कि देश में खुशहाली लाने के लिए नशे पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है। सामाजिक और युवा पीढ़ी में जागरूकता अत्यंत अनिवार्य है तभी देश प्रगतिशील होगा। वेबिनार में एसआर गुप्ता, आरके गर्ग, जेके शर्मा, सुरेश चन्द्र गुप्ता, गोपाल शर्मा, कमला जोशी, अन्नपूर्णा बंधुनी, डॉ. अतर सिंह, डॉ. राजीव चतुर्वेदी, डॉ. पंकज कौशिक, हेमंत सिंह नेगी, कुलभूषण शर्मा, रेखा नेगी, नीलम रावत, प्रीति जोशी, साधना रावत कंडारी, नुपूर पाल, अनिल कंसल, अरविंद मंगल, शोभा शर्मा, भारती सिंह, अंकुर गोयल, जगदीश बावला, तथा अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
Comments
Post a Comment