हरिद्वार। कांवड़ियों की लगातार बढ़ रही भारी भीड़ को देखते हुए सकुशल वापसी को पुलिस प्रशासन की ओर से यातायात प्लान लागू कर दिया गया है। यातायात प्लान के तहत कांवड़ मेले की समाप्ति तक हरिद्वार-नजीवाबाद हाईवे पर भारी वाहन सुबह चार बजे से लेकर रात बारह बजे तक पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे। यदि किसी वाहन को नजीवाबाद की तरफ आना-जाना है तो वह वाया जगजीतपुर, लक्सर, मंडावली, बिजनौर से होते हुए जा सकेगा। इसी तरह रुड़की से देहरादून जाने वाले भी छुटमलपुर बाईपास, बिहारीगढ़ होते हुए जा सकेंगे। सीओ यातायात राकेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि 28 फरवरी तक के लिए यातायात प्लान लागू कर दिया गया है। शहर क्षेत्र में सुबह आठ बजे से लेकर रात आठ बजे तक भारी वाहन पूरी तरह से बंद रहेंगे। बताया कि रसियाबड़ से पैदल कांवड़ यात्री हाईवे क्रॉस करके नहर पटरी से होते हुए नजीबाबाद की तरफ रवाना होते हैं इसलिए यहां यातायात व्यवस्था सुदृढ़ की जा रही है। बताया कि 4.2 डायवर्जन-नजीबाबाद से आने वाले कांवड़ यात्रियों के वाहन नीलधारा पर्किंग में पार्क होंगे। यहां से कांवड़िए नमामि गंगे घाट, चंडीपुल, आनंद वन समाधि पार्किंग, दीन दयाल उपाध्याय पार्किंग अंडर पास से होते हुए हरकी पैड़ी पहुंचेंगे। नीलधारा पार्किंग से कांवड़ यात्रियों के वाहन हनुमान मंन्दिर से डायवर्ट कर चंडी चैकी होते हुए नजीबाबाद की तरफ रवाना होंगे। चंडी चैकी से कांवड़ियों के वाहन चंडीचैक की तरफ नहीं जा सकेंगे। उन्हें हनुमान मंदिर तिराहे से डायवर्ट कर नीलधारा पार्किंग में पार्क कराया जाएगा। दिल्ली की तरफ से आ रहे कावड़ियों के वाहन अलकनंदा कट से होते हुए गढ्ढा पार्किंग में पार्क कराए जाएंगे। वहां से उन्हें प्रशासनिक मार्ग होते हुए हरकी पैड़ी की तरफ रवाना किया जाएगा। बताया कि गढ्ढा पार्किंग के फुल होने पर कांवड़ियों के वाहन शंकराचार्य चैक से होते हुए बैरागी कैंप में पार्क होंगे। देहरादून-ऋषिकेश से आ रहे वाहन दूधाधारी चैक से होते हुए मोतीचूर पार्किंग पहुंचेंगे। मोतीचूर पार्किंग के भरने पर वाहन चमगादड़ टापू में पार्क कराने की तैयारी है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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