हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय प्रबंधन अध्ययन संकाय और प्रबंधन अध्ययन विभाग की ओर से 21 से 25 फरवरी तक डेटा विश्लेषण पर पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया,जिसमें देश के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों से प्रोफेसर, रिसर्च स्कॉलर, छात्र-छात्राओं ने बढ़- चढ़ कर भाग लिया। कार्यशाला में गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज भत्रोंजखान, उत्तराखंड के सहेयक प्रोफेसर डॉ शैलेंद्र कुमार सिंह ने एसपीएसएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से जटिल आंकड़ों का सफलतापूर्वक विश्लेषण करना बताया जो कि शोध कार्य में नितांत आवश्यक है। गवर्मेंट डिग्री कॉलेज मुवानी पिथौरागढ़ से डॉ आशीष कुमार गुप्ता ने रिसर्च साइटेशन और प्लेजराइज्म के बारे में अवगत कराया। ऑनलाइन आयोजित कार्यशाला में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रूप किशोर शास्त्री ने छात्रों को वैज्ञानिक अनुसंधान करने के लिए प्रेरित किया। फैकल्टी डीन प्रोफेसर वीके सिंह ने आज के समकालीन युग में डेटा विश्लेषण का महत्व समझाया व डॉ शैलेंद्र कुमार के प्रति आभार व्यक्त किया। डीएमएस की प्रभारी प्रोफेसर बिंदु अरोड़ा ने देश के विकास में अनुसंधान के महत्व की व्याख्या करते हुए छात्र छात्राओं को डेटा विश्लेषण के लिए उपकरण को सीखने के लिए प्रेरित किया। इस कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ आशीष आर्य ने 5 दिनों तक कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस कार्यशाला में प्रो. पंकज मदान, प्रो. सुरेखा राणा, प्रो. पतिराज कुमारी ,डॉ. पूनम पैनली, डॉ.अनिल डंगवाल, डॉ. राजुल भारद्वाज, डॉ मिथिलेश पांडे, डॉ.मिहिर जोशी, डॉ अमित अग्रवाल, डॉ विवेक अग्रवाल, व्योमकेश भट्ट और कपिल पांडे ने भाग लिया। विभाग के रिसर्च स्कॉलर हिमानी शर्मा,लक्ष्मी गौतमी, सुभाष चंद्र अरोड़ा,पूजा ध्यानी व कृष्णा गुप्ता ने मॉडरेटर की भूमिका निभाई व तकनीकी कार्य संभाला।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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