हरिद्वार। 13 रजब यौमे पैदाइश शेर-ए-खुदा हजरत अली रजि. और 14 रजब यौमे पैदाइश हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती गरीब नवाज की यौमे पैदाइश अकीदत और खुलूस के साथ मनाई गई। फातिहा और कुरान ख्वानी कर मुल्क की खुशहाली और अमन चैन की दुआएं मांगी गई। बुधवार देर रात तक चले कार्यक्रम में हजरत अली की शान में मनकबत व कलाम पेश किए गए। ज्वालापुर स्थित हजरत आमिर शाह रह. गढ़ी वाले पीर की दरगाह पर हजरत अली रजि. की यौमे विलादत पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अकीदतमंदों ने प्रोग्राम में बढ़-चढ़कर शिरकत की। सबसे पहले फातिहाख्वानी की गई। इसके बाद सभी को लंगर वितरित किया गया। हाफिज मौलाना अब्दुल वहीद ने मुल्क में खुशहाली, अमन-चैन की दुआ कराई। जबकि महबूब कव्वाल ने हजरत अली की शान में कलाम पेश किए। अकीदमंदों को ताकीद करते हुए बताया गया कि पहले इमाम हजरत अली की पैदाइश 13 रजब को सऊदी अरब के प्रसिद्ध शहर मक्का में काबे के अंदर जुमे के दिन हुई थी। इमाम के बहुत से मशहूर लकब हैं। रसूल ने कहा था कि मैं इल्म का शहर हूं और अली उसका दरवाजा है। जिसको भी इल्म हासिल करना है, उसके दिल में अहलेबैत की मोहब्बत होनी चाहिए। मौला अली की हालाते जिंदगी और उनके नेक कामों से हर इंसान को हिदायत लेनी चाहिए। कार्यक्रम का आगाज शोएब मंसूरी कादिर मंसूरी खलीफा शाहरुख मंसूरी तालिब ख्वाजा के नेतृत्व में किया गया।
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