हरिद्वार। फाल्गुन कांवड़ मेला अपने चरम पर है। मंगलवार को शिवरात्रि के मौके पर विभिन्न शिवालयों में होने वाले जलाभिषेक के लिए हरिद्वार में सोमवार को हर तरफ डाक कांवड़ियों की भागमभाग देखने को मिली। हरिद्वार-नजीबाबाद मार्ग पर पैदल और डाक कांवड़ दोनों ही भारी तादात में दिखे। हरिद्वार-दिल्ली राजमार्ग पर भी काफी संख्या में शिवभक्त अपने गंतव्य को जाते दिखे। पिछले दो दिनों से धर्मनगरी बोल बम के जयकारों से गुजांएमान हो रही है। महाशिवरात्रि के पर्व पर मंगलवार को शिवालयों पर जलाभिषेक होगा। हरिद्वार में महाशिवरात्रि पर्व से 24 घंटे पहले कांवड़ियों की जबरदस्त भीड़ रही। खासकर बाइकर्स कांवड़ियों और ट्रकों और ट्रैक्टर ट्राली में बड़े बड़े डीजे लगाकर आए डाक कांवड़ियों की भीड़ ने पुलिस प्रशासन के होश उड़ाकर रख दिए। कोरोना संक्रमण के चलते दो साल कांवड़ यात्रा और एक साल शारदीय कांवड़ यात्रा पर रोक के कारण शिवभक्त निराश थे। लेकिन इस बार कोविड पांबदी खत्म होने से महाशिवरात्रि पर उम्मीद से कहीं अधिक कांवड़िए धर्मनगरी पहुंच गए। जिसके चलते धर्मनगरी में पूरी तरह शिवमय हो गया। सुबह से ही डाक कांवड़ियों की सड़कों पर भागमभाग देखने को मिली।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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