हरिद्वार। नगर मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह ने अवगत कराया कि पत्रांक 12830 दिनाक 23 मार्च.2022 में वर्णित सचिव, उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग, हरिद्वार के पत्र संख्या-207 दिनांक 08.03.2022 के अनुसार उत्तराखण्ड सम्मिलित राज्य सिविल,प्रवर अधीनस्थ सेवा प्रारम्भिक (वस्तुनिष्ठ प्रकार) परीक्षा-2021 का आयोजन 3अप्रैल को दो सत्रों प्रथम सत्र पूर्वान्ह 10.00 बजे से 12.00 बजे तक तथा द्वितीय सत्र अपरान्ह 02.00 बजे से 04.00 बजे तक हरिद्वार नगर के विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित होगी। नगर मजिस्ट्रेट ने बताया कि शाति एवं सुरक्षा तथा विधि व्यवस्था बनाये रखने हेतु हरिद्वार नगर के उपरोक्त परीक्षा केन्द्रों एवं उनके आस-पास की 200 मीटर की परिधि में जिला मजिस्ट्रेट, हरिद्वार धारा 144 सीआरपीसी के अन्तर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए परीक्षा केन्द्रों के आस-पास की 200 मीटर की सीमा के अन्तर्गत जिला मजिस्ट्रेट हरिद्वार अथवा अपर जिला मजिस्ट्रेट हरिद्वार अथवा नगर मजिस्ट्रेट की पूर्वानुमति के बिना पांच या पांच से अधिक व्यक्ति समूह के रूप में एकत्रित नहीं होंगे और न ही कोई सार्वजनिक सभा करेंगे और न ही जुलूस आदि निकालेंगे। कोई भी व्यक्ति परीक्षा केन्द्रों के आस पास अपने किसी कार्यक्रम द्वारा जन भावनाओं को किसी प्रकार से नहीं भडकाएगा और कोई ऐसा कार्य नहीं करेगा, जिससे सार्वजनिक लोक शांति भंग होना सम्भाव्य हो। परीक्षा केन्द्रों पर एवं उसके आस-पास की 200 मीटर की परिधि में किसी प्रकार का कोई धरना-प्रदर्शन आदि नहीं किया जायेगा। निर्धारित मानकों से अधिक किसी भी प्रकार का ध्वनि प्रदूषण फैलाना पूर्णतः प्रतिबंधित होगा। ये प्रतिबन्ध 03 अप्रैल को परीक्षा समाप्ति तक परीक्षा केन्द्रों और उसके आसपास की 200 मीटर की परिधि के क्षेत्रान्तर्गत लागू हांेगे। आदेशों का किसी भी प्रकार से उल्लंघन भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय होगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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