हरिद्वार। एसएमजेएन पीजी कॉलेज में सशस्त्र झंडा दिवस पर अंशदान के लिए छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर सहायता राशि एकत्र की। कॉलेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी के नेतृत्व में कॉलेज के प्राध्यापकों, कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं की ओर से 51 हजार रुपये की धनराशि देश के वीर सैनिकों के लिए सैनिक कल्याण कोष में जमा की गयी। श्रीमहंत रविन्द्र पुरी ने कहा कि हमारी सेनाओं के अदम्य साहस, शौर्य, त्याग व बलिदान का स्वर्णिम इतिहास रहा है। सेना देश की आंतरिक एवं दैवीय आपदाओं के समय देशवासियों के जीवन की रक्षा तथा उन्हें राहत पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य भी कर रही हैं। श्रीमहंत ने कहा कि यह राशि केवल वीर सैनिकों के प्रति हमारा सम्मान मात्र है। प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार बत्रा बताया कि यह धनराशि आरटीजीएस के माध्यम से सैनिक कल्याण कोष में हस्तान्तरित कर दी गयी है। अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. सरस्वती पाठक ने कहा कि हमारी सेना के वीर जवान अत्यन्त कठिन परिस्थितियों में एवं दुर्गम स्थानों पर तैनात रहकर राष्ट्र की सुरक्षा की कर रहे हैं। जिसके लिए सम्पूर्ण राष्ट्र उनका कृतज्ञ है। इस अवसर पर डॉ. मनमोहन गुप्ता, डॉ. संजय कुमार माहेश्वरी, डॉ. सरस्वती पाठक, डॉ. तेजवीर सिंह तोमर,डॉ. नलिनी जैन, डॉ. जे.सी. आर्य, डॉ. सुषमा नयाल, डॉ.आशा शर्मा,डॉ. मोना शर्मा,डॉ. अमिता श्रीवास्तव, रिंकल गोयल, रिचा मिनोचा, साक्षी अग्रवाल,डॉ.सुगन्धा वर्मा,दिव्यांश शर्मा,डॉ.पूर्णिमा सुन्दरियाल,विनीत सक्सेना, डॉ. प्रज्ञा जोशी, मोहन चन्द्र पांडेय सहित अनेक शिक्षकों और कर्मचारियों ने सैनिकों के लिए इस कल्याण कोष में अपना अंशदान दिया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
Comments
Post a Comment