हरिद्वार। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी शब्द को भाजपा ने गढ़ा और चुनावी रणनीति के तहत इसे राजनीतिक शस्त्र के रूप में प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में भाजपा घबराई हुई थी, क्योंकि प्रदेश में अभियान चलाकर कांग्रेस ने तमाम मुद्दों पर उसे घेरा हुआ था। कांग्रेस के इसी कवच को तोड़ने के लिए भाजपा ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी नाम के अस्त्र का प्रयोग कर विजय हासिल की। गुरुवार को हरकी पैड़ी पर गंगा पूजन के बाद पत्रकारों से बातचीत में हरीश रावत ने कहा कि वे चुनाव हार गए। कांग्रेस की सरकार नहीं आई पर विपरीत परिस्थितियों में भी बड़ी संख्या में हरिद्वार के लोगों ने कांग्रेस को वोट दिया। जिन लोगों ने काग्रेस को वोट दिया उनको वे आज धन्यवाद देने आए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में जब हार होती है तो धैर्य से काम लेना होता है। वे समझते हैं कि विचार मंथन होना चाहिए। मगर थोड़ा संयम आवश्यक है। लोगों के मेरे सिर पर हार का ठीकरा फोड़ने से पहले ही मैंने हार को स्वीकार कर लिया था। मैंने कह दिया था कि हार के लिए मैं स्वयं जिम्मेदार हूं। हरीश रावत ने दक्ष मंदिर में भी पूजा-अर्चना किया। हरीश रावत ने कहा कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी शब्द का जिसने ईजाद किया वह व्यक्ति दो दिन बाद हरिद्वार ग्रामीण का पर्यवेक्षक बन जाता है। जिस मुस्लिम यूनिवर्सिटी का उन्हें पता तक नहीं, उसकी टोपी मेरे सिर पर पहनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा का पूरा सोशल मीडिया इसी कार्य में लगा हुआ है कि हरीश रावत के सिर पर कैसे इस टोपी को फिट किया जाए और कैसे मुस्लिम यूनिवर्सिटी को हरीश रावत के गले में डाल दिया जाए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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