हरिद्वार। शहर के भल्ला इंटर कालेज के निकट स्टेडियम में रविवार को दो दिवसीय मास्टर्स एथलेटिक्स प्रतियोगिता का समापन हो गया। रविवार को चिलचिलाती धूप भी बुजुर्ग खिलाड़ियों का उत्साह कम नहीं कर पाई। दस किलोमीटर की मैराथन में 65 से 70 वर्ष आयु वर्ग में टिक्कम सिंह पंवार अकेले ही दौड़े, जबकि इसी दौड़ में 60 से 65 आयु वाले महिला वर्ग में विजया नेगी ने भी दस किलोमीटर की दौड़ पूरी की। रविवार को दस किलोमीटर मैराथन दौड़ में 35 से 40 आयु वर्ग में रविंद्र सिंह प्रथम और राजकुमार रावत दूसरे स्थान पर रहे। 40 से 45 आयु वर्ग में सुमित शाह प्रथम और सुशील पंवार दूसरे स्थान पर रहे। 45 से 50 आयु वर्ग में सोहनवीर सिंह प्रथम, लक्ष्मण लामा द्वितीय और अनिल यादव ने तृतीय स्थान पाया। 60 से 65 वर्ष के आयु वर्ग में जितेंद्र कुमार गुप्ता ने बाजी मारी, जबकि डॉ. डीएस नेगी दूसरे और अशोक कुमार शर्मा तीसरे स्थान पर रहे। जैवलिन थ्रो में 45 से 50 आयु वर्ग में युद्धवीर सिंह प्रथम, दिगम्बर सिंह द्वितीय और नरेंद्र प्रताप सिंह तृतीय स्थान पर रहे। जबकि 50 से 55 आयु वर्ग में हयात सिंह ने पहला स्थान, बच्ची सिंह दूसरा और भारत सिंह रावत तीसरा स्थान पाया। 55 से 60 आयु वर्ग में विजयराज सिंह बिष्ट ने पहला स्थान पाया, दूसरे स्थान पर राजेंद्र कुमार और तीसरे स्थान पर कमल सिंह रावत रहे। 60 से 65 आयु वर्ग में महाबीर सिंह रावत प्रथम, गंभीर सिंह पंवार द्वितीय और दिगंबर सिंह रावत तृतीय स्थान पर रहे। आयोजको के अनुसार इस मार्स्टस एथलेटिक्स प्रतियोगिता के सबसे बुजुर्ग खिलाड़ी 93 साल के दर्शन सिंह रहे। जिन्होंने कल डिस्क्स थ्रो में प्रतिभाग किया था। रविवार को जैवलिन थ्रो में भी दर्शन सिंह ने हाथ आजमाए। लेकिन उनके आयु वर्ग में किसी अन्य बुजुर्ग खिलाड़ी ने हिस्सा नहीं लियाा। इसके अतिरक्त जैवलिन थ्रो में 40 से 45 आयु वर्ग में महिला सुमन रानी ने अकेले प्रतिभाग किया। जबकि 70 से 75 आयु वर्ग में कल्याण ने अकेले जैवलिन थ्रो किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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