हरिद्वार। कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स को हरिद्वार के संतों ने उत्तराखंड सरकार से टैक्स फ्री करने की मांग की है। जगजीतपुर स्थित सिद्धबली हनुमान मंदिर एवं नर्मदेश्वर महादेव मंदिर के अध्यक्ष स्वामी आलोक गिरी महाराज ने प्रेस को जारी बयान में कहा है कि नब्बे के दशक में कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार का दर्द फिल्म के माध्यम से दर्शाया गया है। उस दशक की तत्कालीन सरकार कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के लिए जिम्मेदार है। देश में समरसता के माहौल को छोड़कर जिस प्रकार कश्मीरी पंडितों को बड़ी संख्या में कत्ल किया गया, यह बहुत ही शर्मनाक और घृणित कार्य था। सभी को इस फिल्म के माध्यम से सबक लेना चाहिए और अपने देश के भीतर छुपे गद्दारों को पहचान कर उन्हें कड़ा सबक सिखाना चाहिए। स्वामी आलोक गिरी महाराज ने कहा कि समाज के बीच आपसी मतभेद या विद्वेष पैदा करना सरकारों का कार्य नहीं है। देश को उन्नति की ओर अग्रसर करना ही एक कुशल नेतृत्व को दर्शाता है। समाज में सामंजस्य बनाए रखना एक कुशल शासक की कार्यशैली को दर्शाता है। लेकिन उस समय कश्मीरी पंडितों के साथ जो हुआ। वह समाज को झकझोर कर देने वाला है। लाखों कश्मीरी पंडित रातो रात बेघर हो गए और हजारों को अपनी जान गवानी पड़ी और इस घृणित कार्य के लिए तत्कालीन सरकार ने कश्मीरी पंडितों को ही दोषी करार दिया। जो भारत के इतिहास को कलंकित करता है। हम सभी को इस फिल्म को देखना चाहिए और सजग रहकर आपस की एकता अखंडता को कायम रखना चाहिए। हमारे बीच कोई भी असामाजिक तत्व विद्वेष पैदा ना कर सके। समाज को ऐसी समझ भी अवश्य होनी चाहिए। साथ ही सामाजिक शिक्षा और संस्कार प्रत्येक समाज के हर वर्ग को लाभान्वित कर सके। ऐसे सशक्त समाज का निर्माण हो यह सभी नागरिकों का कर्तव्य है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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