हरिद्वार। हाल ही में वनों में आग लगने की 7 घटनाओं में 212.40 हैक्टेयर वन क्षेत्र को क्षति पहुंची है। अधिकारियों ने दावा किया है कि आग की इन घटनाओं में पेड़ों तथा जानवरों को कोई क्षति नहीं पहुंची है। शुक्रवार को जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में वनाग्नि घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण व रोकथाम के लिए गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक में वन विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। जिलाधिकारी ने जानबूझकर आग लगाने वालों लोगों को चिह्नित करके वन कानूनों के अंतर्गत जुर्माना सहित सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि हरिद्वार वन प्रभाग के प्रधान कार्यालय स्तर पर एक मास्टर कंट्रोल रूम के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में 35 क्रू स्टेशन स्थापित किए गए हैं जो नियमित रूप से सूचनाओं का आदान प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा वनाग्नि नियंत्रण हेतु 101 फायर वाचर रखे गए हैं। बैठक में जिलाधिकारी ने वनाग्नि आदि आपदाओं पर तुरंत नियंत्रण पाने में संवाद के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर कोई भी आपदा सामने आती है,तो कम्युनिकेशन की सबसे बड़ी भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि अगर कम्युनिकेशन मजबूत है, तो किसी भी आपदा पर जल्द से जल्द काबू पाया जा सकता है। बताया कि वनाग्नि को रोकने में राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, अग्निशमन विभाग तथा आपदा प्रबन्धन का भी पूरा सहयोग मिलते रहता है। जिलाधिकारी ने अधिकारियों से आग बुझाने में काम आने वाली सामग्रियों के सम्बन्ध में भी विस्तृत जानकारी ली तथा अधिकारियों से कहा कि जो भी बजट वनाग्नि के नियंत्रण के लिये आवंटित होता है, उसका तर्कयुक्त उपयोग होना चाहिये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वनाग्नि को नियंत्रित करने के लिये व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये तथा प्रचार-प्रसार में अन्य टेलीफोन नम्बरों के साथ-साथ आपदा प्रबन्धन के टेलीफोन नम्बर की भी जानकारी आम लोगों तक विभिन्न माध्यमों-फ्लैस,सोशलमीडिया,इलेक्ट्रानिकमीडिया,समाचार पत्रों आदि द्वारा प्रचारित, प्रसारित किया जाये। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल,एसडीएम भगवानपुर बृजेश कुमार तिवारी, एएसडीएम रूड़की विजयनाथ शुक्ल,आपदा प्रबन्धन अधिकारी श्रीमती मीरा कन्तुरा, मुख्य अग्निशमन अधिकारी नरेन्द्र सिंह कुंवर, एसडीओ वन खुशाल सिंह रावत, आरओ दिनेश नौटियाल सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।
हरिद्वार। हाल ही में वनों में आग लगने की 7 घटनाओं में 212.40 हैक्टेयर वन क्षेत्र को क्षति पहुंची है। अधिकारियों ने दावा किया है कि आग की इन घटनाओं में पेड़ों तथा जानवरों को कोई क्षति नहीं पहुंची है। शुक्रवार को जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में वनाग्नि घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण व रोकथाम के लिए गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक में वन विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। जिलाधिकारी ने जानबूझकर आग लगाने वालों लोगों को चिह्नित करके वन कानूनों के अंतर्गत जुर्माना सहित सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि हरिद्वार वन प्रभाग के प्रधान कार्यालय स्तर पर एक मास्टर कंट्रोल रूम के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में 35 क्रू स्टेशन स्थापित किए गए हैं जो नियमित रूप से सूचनाओं का आदान प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा वनाग्नि नियंत्रण हेतु 101 फायर वाचर रखे गए हैं। बैठक में जिलाधिकारी ने वनाग्नि आदि आपदाओं पर तुरंत नियंत्रण पाने में संवाद के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर कोई भी आपदा सामने आती है,तो कम्युनिकेशन की सबसे बड़ी भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि अगर कम्युनिकेशन मजबूत है, तो किसी भी आपदा पर जल्द से जल्द काबू पाया जा सकता है। बताया कि वनाग्नि को रोकने में राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, अग्निशमन विभाग तथा आपदा प्रबन्धन का भी पूरा सहयोग मिलते रहता है। जिलाधिकारी ने अधिकारियों से आग बुझाने में काम आने वाली सामग्रियों के सम्बन्ध में भी विस्तृत जानकारी ली तथा अधिकारियों से कहा कि जो भी बजट वनाग्नि के नियंत्रण के लिये आवंटित होता है, उसका तर्कयुक्त उपयोग होना चाहिये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वनाग्नि को नियंत्रित करने के लिये व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये तथा प्रचार-प्रसार में अन्य टेलीफोन नम्बरों के साथ-साथ आपदा प्रबन्धन के टेलीफोन नम्बर की भी जानकारी आम लोगों तक विभिन्न माध्यमों-फ्लैस,सोशलमीडिया,इलेक्ट्रानिकमीडिया,समाचार पत्रों आदि द्वारा प्रचारित, प्रसारित किया जाये। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल,एसडीएम भगवानपुर बृजेश कुमार तिवारी, एएसडीएम रूड़की विजयनाथ शुक्ल,आपदा प्रबन्धन अधिकारी श्रीमती मीरा कन्तुरा, मुख्य अग्निशमन अधिकारी नरेन्द्र सिंह कुंवर, एसडीओ वन खुशाल सिंह रावत, आरओ दिनेश नौटियाल सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।
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