हरिद्वार। ऋषिकुल आयुर्वेदिक कालेज परिसर स्थित ऑडिटोरियम में शुक्रवार को दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ हुआ। सेमिनार में आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सा से जुड़े देश-विदेश के करीब पांच सौ से अधिक चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य बालकृष्ण एवं गुरुकुल कांगड़ी विवि के कुलपति प्रो. रूप किशोर शास्त्री ने किया। इस मौके पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा बहुत पुरानी पद्धतियों में से एक है। वर्तमान समय में आयुर्वेद को अपनाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। गुरुकुल कांगड़ी विवि के वीसी प्रो.रूप किशोर शास्त्री ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन होने से आयुर्वेद को मजबूती मिलेगी। आयुवेद विवि के कुलपति डॉ.सुनील जोशी ने कहा कि पहले दिन सुबह परिसर में हो रहे 15 ऑपरेशन को भी ऑनलाइन दिखाया गया। इस दौरान बीएचयू में शल्य चिकित्सा के एचओडी प्रो. एम शाहु, पौलेंड के पूर्व राजनायिक सीएम भंडारी, डॉ. संजीव शर्मा, डॉ. अजय कुमार गुप्ता, डॉ. नरेश चैधरी समेत देश के कौने कौने से आए चिकित्सक मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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