हरिद्वार। नवरात्रि की नवमी के अवसर पर मां चंडी देवी मंदिर परमार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित गिरी महाराज ने 151 कन्याओं का पूजन किया और उन्हें नारियल चुनरी तथा दक्षिणा भेंटकर भोजन कराया तथा विश्व कल्याण की कामना की। चंडी देवी मंदिर प्रांगण में कन्या पूजन के दौरान महंत रोहित गिरी ने कहा कि नवरात्रि संसार को संचालित करने वाली आद्यशक्ति मां भगवती की आराधना का पर्व है वह सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी है और नवरात्र पर्व इन्हीं जगत जननी को समर्पित है। महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म में कन्याओं को मां का साक्षात स्वरूप माना गया है। इसलिए कन्या पूजन के बिना नवरात्रि व्रत अधूरा है। हमें देवी स्वरूपा बालिकाओं के संरक्षण संवर्धन के लिए समाज को जागरूक करना चाहिए शिक्षा के अभाव में आज भी लोग बालक बालिका में असमानता मानते हैं। जोकि एक सभ्य समाज पर सवाल खड़ा करता है। महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा कि मां चंडी देवी बहुत ही दयालु एवं कृपालु हैं। जो भक्तों की सुक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न होकर उन्हें मनवांछित फल प्रदान करती हैं। नवरात्रि पवित्रता शक्ति और दिव्यता का प्रतीक है। जिनमें मां भगवती के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है। प्रत्येक श्रद्धालु भक्तों को श्रद्धा पूर्वक मां की शरण में आकर स्वयं को कृतार्थ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जगत में जब जब तामसी आसुरी और क्रूर लोग प्रबल होकर सात्विक उदार आत्मिक एवं धर्म निष्ठ लोगों को छलते हैं तब देवी धर्म संस्थापना हेतु अवतार धारण करती है। देवीतत्व का अत्यधिक लाभ लेने के लिए संपूर्ण नवरात्र मां की आराधना अवश्य करनी चाहिए। इस अवसर पर पंडित पंकज रतूड़ी पंडित राजेश कुक शाल पंडित रोहित डबराल पंडित नवल टेस्ट वाल पंडित अमित बेलवाल,विशाल कश्यप,संजय कश्यप,मोहित राठौर मोगली मनोज कुमार उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
Comments
Post a Comment