हरिद्वार। कम्यूनिटी मेडिकल एसोसिएशन उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र कुमार शर्मा ने सीएमएस डिप्लोमाधारी चिकित्सकों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए प्रदेश स्तर पर सीएमएस चिकित्सकों का पंजीकरण करने का प्रावधान शासन में शामिल करने की मांग की हैं। शासन में वर्तमान में एमबीबीएस,बीडीएस,बीएएमएस,बीएचएमएस,बीएसएमएस, योगा और सोवा रिस्पा के डिग्री धारकों का पंजीकरण होता है। रविवार को प्रेस क्लब सभागार में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि सीएमएस डिप्लोमा धारक डॉक्टर ग्रामीण, पिछड़े, पर्वतीय क्षेत्र और दूर दराज के निर्धन, असहायों, वृद्धजनों और विकलांगों को 24 घंटे अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। सस्ती और सुलभ चिकित्सा के बाद भी सीएमएस डिप्लोमा धारक डॉक्टर का प्रशासनिक उत्पीड़न होता रहता है। यह डॉक्ट प्रदेश में हेल्थ केअर तो खोल सकते है, लेकिन इनका पंजीकरण नहीं होता है। सीएमएस डिप्लोमा सुप्रीम कोर्ट से मान्यता प्राप्त है। डब्ल्यूएचओ से निर्धारित 99 औषधियों से इलाज किया जाता है। उनकी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट के लीगल स्टेटस के तहत सीएमएस डिप्लोमाधारक डॉक्टर्स का भी शासन में पंजीकरण किया जाए। प्रेस वार्ता के दौरान डॉ.यासीन,डॉ.नफीस,डॉ.गोपाल,डॉ.मन कुमारी गौतम,डॉ.राहुल,डॉ.दिलशाद,डॉ.तरुण,डॉ.जोगिंद्र,डॉ.रमा,डॉ.पिंकी,डॉ.वीरेंद्र,डॉ.मुरसलीम,डॉ.इकराम, डॉ.खुर्शीद आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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