हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि जन्म जन्मांतर के पुण्य उदय होने पर व्यक्ति को श्रीमद् भागवत कथा श्रवण का अवसर प्राप्त होता है और जो श्रद्धालु भक्त कथा में निहित ज्ञान को आत्मसात कर लेता है। श्रीहरि की कृपा से उसका कल्याण अवश्य होता है। जगजीतपुर स्थित श्री प्राचीन सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम अवसर पर संत समागम में श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि महादेव भोलेनाथ के मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करने वाले मंदिर के व्यवस्थापक कुलदीप वालिया साधुवाद के पात्र हैं। इस दौरान श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य का शुभारंभ भी किया और सभी से इसमें सहयोग करने की अपील की। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन व श्रवण सदैव पुण्यदायी होता है। गंगातट पर शिव मंदिर में श्रीमद् भावगत कथा श्रवण करने से इसका महत्व और बढ़ जाता है। सभी को धर्मानुकुल आचारण करते हुए ईश्वर की आराधना अवश्य करनी चाहिए। बाबा हठयोगी दिगंबर महाराज ने कहा कि हम सभी को अपने धर्म के प्रति समर्पित रहते हुए राष्ट्र निर्माण में सहयोग प्रदान करने की आवश्यकता है। आज भारत में पाश्चात्य संस्कृति हावी हो रही है। इसका पुरजोर विरोध करना चाहिए और अपने धर्म व संस्कृति के प्रचार प्रसार में सहयोग प्रदान करना चाहिए। युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर ही एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। योगी सत्यव्रतानंद एवं महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज ने कहा कि संत महापुरुषों का सानिध्य परमात्मा की प्राप्ति का साधन मात्र है। भगवान तो प्रत्येक व्यक्ति के कण-कण में विराजमान है। लेकिन व्यक्ति को उसका बोध नहीं है। माता पिता और गुरु के बताए मार्ग का अनुसरण जिस व्यक्ति ने कर लिया उसका जीवन भवसागर से पार हो जाता है। इस अवसर पर कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का कथा के मुख्य यजमान कुलदीप वालिया, रजनी वालिया एवं वंश वालिया ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर स्वामी कल्याण देव, स्वामी रघुवीरानंद, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी दिनेश दास सहित कई संत महापुरुष व कथा व्यास भागवताचार्य नरेशचन्द्र शास्त्री,यज्ञाचार्य पंडित पंकज जोशी,पार्षद विकास कुमार,अनिल मिश्रा,नितीश चौधरी,रेखा,रितिका,ख्याति जौहरी,स्वाति,अनुष्का,सुनीता,नीलम,पूनम,कौशल, शिवानी जौहरी,रश्मि जौहरी,पुष्पा,सोनिका,उषा,ब्रजेश आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि जन्म जन्मांतर के पुण्य उदय होने पर व्यक्ति को श्रीमद् भागवत कथा श्रवण का अवसर प्राप्त होता है और जो श्रद्धालु भक्त कथा में निहित ज्ञान को आत्मसात कर लेता है। श्रीहरि की कृपा से उसका कल्याण अवश्य होता है। जगजीतपुर स्थित श्री प्राचीन सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम अवसर पर संत समागम में श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि महादेव भोलेनाथ के मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करने वाले मंदिर के व्यवस्थापक कुलदीप वालिया साधुवाद के पात्र हैं। इस दौरान श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य का शुभारंभ भी किया और सभी से इसमें सहयोग करने की अपील की। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन व श्रवण सदैव पुण्यदायी होता है। गंगातट पर शिव मंदिर में श्रीमद् भावगत कथा श्रवण करने से इसका महत्व और बढ़ जाता है। सभी को धर्मानुकुल आचारण करते हुए ईश्वर की आराधना अवश्य करनी चाहिए। बाबा हठयोगी दिगंबर महाराज ने कहा कि हम सभी को अपने धर्म के प्रति समर्पित रहते हुए राष्ट्र निर्माण में सहयोग प्रदान करने की आवश्यकता है। आज भारत में पाश्चात्य संस्कृति हावी हो रही है। इसका पुरजोर विरोध करना चाहिए और अपने धर्म व संस्कृति के प्रचार प्रसार में सहयोग प्रदान करना चाहिए। युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर ही एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। योगी सत्यव्रतानंद एवं महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज ने कहा कि संत महापुरुषों का सानिध्य परमात्मा की प्राप्ति का साधन मात्र है। भगवान तो प्रत्येक व्यक्ति के कण-कण में विराजमान है। लेकिन व्यक्ति को उसका बोध नहीं है। माता पिता और गुरु के बताए मार्ग का अनुसरण जिस व्यक्ति ने कर लिया उसका जीवन भवसागर से पार हो जाता है। इस अवसर पर कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का कथा के मुख्य यजमान कुलदीप वालिया, रजनी वालिया एवं वंश वालिया ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर स्वामी कल्याण देव, स्वामी रघुवीरानंद, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी दिनेश दास सहित कई संत महापुरुष व कथा व्यास भागवताचार्य नरेशचन्द्र शास्त्री,यज्ञाचार्य पंडित पंकज जोशी,पार्षद विकास कुमार,अनिल मिश्रा,नितीश चौधरी,रेखा,रितिका,ख्याति जौहरी,स्वाति,अनुष्का,सुनीता,नीलम,पूनम,कौशल, शिवानी जौहरी,रश्मि जौहरी,पुष्पा,सोनिका,उषा,ब्रजेश आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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