हरिद्वार। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि पयर्टन विभाग के साथ-साथ तीर्थाटन मंत्रालय बनाने की आवश्यकता है,क्योंकि पयर्टन और तीर्थाटन दोनों अलग-अलग हैं। तीर्थाटन में सुचिता व पवित्रता जैसे विषयों का ध्यान रखा जाता है। पयर्टन में केवल मौज-मस्ती का ध्यान होता है। इसलिए सनातन धर्म की जो मान्यताएं हैं। उन मान्यताओं को स्थापित करने के लिए यह बहुत जरूरी है। यह बात शंकराचार्य ने सीएम को आशीर्वाद देते हुए कही। शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जगद् गुरु शंकराचार्य से आश्रम में पहुंचकर आशीर्वाद लिया। स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने पयर्टन विभाग के साथ-साथ तीर्थाटन मंत्रालय बनाने की पैरवी सीएम पुष्कर सिंह धामी से की। जिस पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि इसको लेकर विचार-विमर्श मंत्री मंडल में किया जाएगा। शंकराचार्य ने बताया कि सीएम ने कहा है कि भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। जगद्गुरु के आशीर्वाद लेने के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि संत समाज हमेशा ही प्रेरणा देने का काम करता है। उनके आशीर्वाद से ही सभी अपने कामों में लगे रहते हैं। उन्होंने कहा कि जिला परिषद में जल्द ही सभी नए प्रतिनिधि दिखेंगे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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