पुलिस की जांच पड़ताल में सामने आया है कि खुर्शीद आलम चिश्ती द्वारा कनखल स्थित हरेराम आश्रम की बिल्डिंग में संचालित हिल्ट्रोन कम्प्यूटर सेन्टर में कोर्स करने के दौरान मुख्य आरोपी अब्दुल कादिर, सौरभ कुमार व दिनेश डोगरा एक दूसरे के संपर्क में आए। अब्दुल कादिर ने खुर्शीद आलम, सौरभ व दिनेश डोगरा एवं अपने अन्य साथी नरेन्द्र निवासी- तलहडी बुजुर्ग देवबंद उ.प्र. की मुलाकात लखनऊ में विजय श्रीवास्तव, व हर्ष श्रीवास्तव से करायी। विजय श्रीवास्तव व हर्ष श्रीवास्तव ने चारों के साथ मिलकर कम्यूनिटी हेल्थ महिला कल्याण ट्रस्ट की आड में ऐसे बरोजगार युवाओं जो सरकारी नौकरी के लिए पैसा खर्च करने के लिए तैयार रहते हैं, को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगने खेल शुरू किया। नौकरी दिलाने के लिए समाचार पत्रो में बाकायदा विज्ञप्ति जारी की जाती थी। खुर्शीद आलम के कम्प्यूटर सेंटर में ही नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवाओं के इन्टरव्यू लिये गये व उन्हे जिला प्रभारी, ब्लॉक प्रभारी, पंचायत मित्र, पंचायत शिक्षिका के पद पर लाखो रूपये लेकर नियुक्ति दी गयी। इसके अतिरिक्त उत्तराखण्ड एवं उत्तरप्रदेश में बेरोजगार युवको व युवतियों को जिला कलेक्ट्रेट, ड्रिस्ट्रिक कोर्ट, उपभोक्ता न्यायालय, आयकर विभाग, आॅर्डिनेंस फैक्टरी देहरादून में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखो रूपये की ठगी की गयी व फर्जी नियुक्ति पत्र अभ्यर्थियों को थमाये गये। जब अभ्यर्थियों द्वारा सम्बन्धित विभाग में जाकर नियुक्ति पत्र दिखाने पर भी नौकरी नहीं मिली और नियुक्ति पत्र फर्जी पाये गये तो अभ्यर्थियों द्वारा गिरोह के सदस्यो से पूछताछ की जाती थी तो वैकेन्सी फुल होने का कारण बताकर दूसरे विभाग का फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर दिया जाता था। एक एक अभ्यर्थी को कई-कई विभागो के फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किये गये। ठगे जाने की जानकारी होने पर अभ्यर्थियों के हिल्ट्रान कम्प्यूटर सेंटर में जाकर दबाव बनाने पर गिरोह द्वारा तुरंत ही आफिस विकास कालोनी कनखल में किराये के कमरे पर शिफ्ट कर दिया गया। ठगे गए बेरोजगारों का दबाव बढ़ने पर विकास कालोनी वाले आफिस को बंद कर मुख्य आरोपी अब्दुल कादिर ने जैतपुर लक्सर स्थित अपने घर से गिरोह का संचालन शुरु कर दिया।पद के हिसाब से तय किए गए थे रेट,बेरोजगारों को फर्जी तौर पर ट्रेनिंग भी करायी
बेरोजगार युवओं को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर प्रत्येक पद के रेट तय किये गये थे। चपरासी के पद के लिए 5 लाख रूपये, क्लर्क के लिए 8 लाख रूपये व कार्यालय सहायक के लिए 10 लाख रूपये की रकम तय की गयी थी। जिन युवकों को आॅर्डिनेंस फैक्टरी देहरादून में नौकरी का नियुक्ति पत्र जारी किया गया था। उन्हें कोई शक ना हो इसके लिए गिरोह के सदस्यों को ट्रेनर बनाकर कई दिनों तक फैक्ट्री के बाहर की गु्रप डी की ट्रेनिंग भी करायी गयी।
बेरोजगारों द्वारा दर्ज कराए गए हैं कई मुकद्मे
ठगी का शिकार हुए बेरोजगारों द्वारा कोतवाली लकसर, कोतवाली ज्वालापुर, थाना भगवानपुर, कोतवाली गंगनहर, कोतवाली रूड़की आदि में विभिन्न विभागों में नौकरी दिलाए जाने के नाम पर लाखों रूपए की ठगी करने के संबंध में मुकद्मे दर्ज कराए गए हैं। पुलिस टीम में एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह, क्षेत्राधिकारी लक्सर विवेक कुमार,लक्सर कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह,एसएसआई अंकुर शर्मा,एसआई बबलू,सुल्तानपुर चैकी प्रभारी एसआई मनोज नोटियाल, हेड कांस्टेबल पंचम प्रकाश व हेड कांस्टेबल हमीद शामिल रहे।
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