हरिद्वार। अभी हाल ही में प्रदेश के सभी 13जनपदों में संपन्न हुए पटवारी लेखपाल पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने का मामला सामने आने के बाद परीक्षा संपन्न कराने वाली उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पूरी भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दिया है। अब इस भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया फिर से शुरू की जाएगी। इसके साथ ही पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा निरस्त होने से परीक्षा में शामिल हुए 114071 अभ्यार्थियों को बड़ा झटका लगा है। ज्ञात रहे कि विगत 8 जनवरी को पटवारी लेखपाल के 563 पदों के लिए प्रदेश के सभी 13जनपदों में भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने बीते अक्टूबर में नोटिफिकेशन जारी कर पटवारी लेखपाल के 563 पदों पर ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। इस भर्ती परीक्षा के लिए 158210 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था। आयोग के अनुसार पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा में 114071 अभ्यर्थी उपस्थित हुए थे,जबकि 44140 अभ्यर्थी इस परीक्षा से गैरहाजिर रहे। नियुक्ति हेतु भर्ती लिखित परीक्षा प्रदेश के 13 जनपदों में 598 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की गई थी। गुरुवार को इस मामले में प्रश्न पत्र लीक होने का मामला सामने आया था। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग मुख्यालय के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की ओर से पटवारी लेखपाल परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक करने का मामला सामने आने के बाद आयोग की अन्य परीक्षाएं भी सवालों के घेरे में आ गई है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन परिषद के बाद अब उत्तराखंड लोक सेवा आयोग मुख्य कार्यालय से परीक्षा लीक होने से अभ्यर्थियों की उम्मीदें टूटती नजर आ रही है। बहरहाल उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत के अनुसार पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने की वजह से 8 जनवरी को संपन्न हुए परीक्षा को निरस्त कर दिया गया है उक्त परीक्षा को सुनने के लिए फिर से नई प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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