हरिद्वार। बैरागी संतों से मिलने बैरागी कैंप पहुुंचे अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने बैरागी संतों का समर्थन करते हुए मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि बैरागी संतों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यूपी सिंचाई विभाग को सभी के साथ समान व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल बैरागी अखाड़ों का उत्पीड़न कर यूपी ंिसचाई विभाग क्या दर्शाना चाहता है। अतिक्रमण हटाने के मानक समान होने चाहिए। बैरागी कैंप में अन्य लोगों द्वारा भी भारी मात्रा में अतिक्रमण किया गया हे। सब पर समान रूप से कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जल्द ही अखाड़ा परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलेगा। बैरागी अखाड़े हमारी आत्मा हैं। बैरागी संतों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष एवं अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत राजेद्र दास महाराज, श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज एवं श्रीपंच दिगम्बर अनी अखाड़े के अध्यक्ष महंत रामकिशोर दास महाराज व अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता महंत गौरीशंकर दास महाराज ने कड़े शब्दों में यूपी सिंचाई विभाग के अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि या तो वे बैरागी संतों के प्रति अपनी कार्यशैली को बदलें, अन्यथा देश के सभी बैरागी संत हरिद्वार कूच कर बैरागी अखाड़ों को बचाने के लिए संघर्ष करेंगे। बाबा हठयोगी, महंत रघुवीर दास,महंत विष्णुदास,महंत प्रेमदास,महंत बिहारी शरण,महंत दुर्गादास,महंत अंकित शरण,महंत सूरज दास,महंत प्रह्लाद दास,महंत जयराम दास,महंत रामानंद सरस्वती,महंत जसविन्दर सिंह,महंत ईश्वरदास सहित तमाम संतों ने यूपी सिंचाई द्वारा बैरागी अखाड़ों में तोड़फोड़ करने की निंदा करते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इसमें शामिल अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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