हरिद्वार। भूपतवाला स्थित स्वामी भागवतानंद गिरी सत्संग आश्रम मां कात्यायनी शक्ति पीठ में ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी ओंकारानंद गिरी महाराज की पुण्य तिथि पर संत समाज ने उनके श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दौरान संत समाज ने ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी ओंकारानंद गिरी महाराज के शिष्य महंत प्रमोद महाराज को तिलक चादर प्रदान कर उनका पट्टाभिषेक भी किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी ओंकारानंद गिरी महाराज सिद्ध महापुरूष थे। महंत प्रमोद महाराज को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि योग्य गुरू को ही सुयोग्य शिष्य की प्राप्ति होती है। संत समाज को आशा है कि महंत प्रमोद तिवारी अपने गुरू के अधूरे कार्यो को आगे बढ़ाते हुए मानव कल्याण में योगदान देंगे। महंत देवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी ओंकारानंद गिरी महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा संत महंत प्रमोद महाराज अपने गुरूदेव द्वारा स्थापित सेवा परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में योगदान करेंगे। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी ओकारानंद गिरी महाराज विद्वान व तपस्वी संत थे। महंत प्रमोद महाराज को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सनातन धर्म के मान बिन्दुओं गौ, गंगा, गाय़त्री के संरक्षण तथा गंगा स्वच्छता के प्रति समाज व भक्तों का मार्गदर्शन करेंगे। महंत प्रमोद महाराज ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन महंत ओकारांनद गिरी महाराज का पूरा जीवन निर्मल जल के समान था। पूज्य गुरूदेव से प्राप्त शिक्षाओं व ज्ञान का अनुसरण करते हुए आश्रम की सेवा परंपरा को आगे बढ़ाएंगे। पार्षद अनिल मिश्रा ने कहा कि ब्रह्मलीन महामंडलेस्वर स्वामी ओंकारानंद गिरी महाराज के शिष्य महंत प्रमोद महाराज निस्वार्थ सेवा भाव से मानव कल्याण में योगदान करेंगे। इस अवसर पर ट्रस्टी लक्ष्मी नारायण, राम किशन पुरवाल, सुरेश गर्ग, सतीश चंद्र पुरवाल, शैलेश भाई, त्रिलोक चंद्र, अमित शाह, किशोरी लाल गर्ग, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि, पार्षद अनिल मिश्रा, बागेश्वर पांडेय, शंकर अग्रवाल ,रविंद्र नवानी, राकेश मिश्रा, सुनील मिश्रा, सुनील तिवारी सहित कई संत महापुरूष व भक्त मौजूद रहे।
हरिद्वार। भूपतवाला स्थित स्वामी भागवतानंद गिरी सत्संग आश्रम मां कात्यायनी शक्ति पीठ में ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी ओंकारानंद गिरी महाराज की पुण्य तिथि पर संत समाज ने उनके श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दौरान संत समाज ने ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी ओंकारानंद गिरी महाराज के शिष्य महंत प्रमोद महाराज को तिलक चादर प्रदान कर उनका पट्टाभिषेक भी किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी ओंकारानंद गिरी महाराज सिद्ध महापुरूष थे। महंत प्रमोद महाराज को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि योग्य गुरू को ही सुयोग्य शिष्य की प्राप्ति होती है। संत समाज को आशा है कि महंत प्रमोद तिवारी अपने गुरू के अधूरे कार्यो को आगे बढ़ाते हुए मानव कल्याण में योगदान देंगे। महंत देवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी ओंकारानंद गिरी महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा संत महंत प्रमोद महाराज अपने गुरूदेव द्वारा स्थापित सेवा परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में योगदान करेंगे। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी ओकारानंद गिरी महाराज विद्वान व तपस्वी संत थे। महंत प्रमोद महाराज को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सनातन धर्म के मान बिन्दुओं गौ, गंगा, गाय़त्री के संरक्षण तथा गंगा स्वच्छता के प्रति समाज व भक्तों का मार्गदर्शन करेंगे। महंत प्रमोद महाराज ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन महंत ओकारांनद गिरी महाराज का पूरा जीवन निर्मल जल के समान था। पूज्य गुरूदेव से प्राप्त शिक्षाओं व ज्ञान का अनुसरण करते हुए आश्रम की सेवा परंपरा को आगे बढ़ाएंगे। पार्षद अनिल मिश्रा ने कहा कि ब्रह्मलीन महामंडलेस्वर स्वामी ओंकारानंद गिरी महाराज के शिष्य महंत प्रमोद महाराज निस्वार्थ सेवा भाव से मानव कल्याण में योगदान करेंगे। इस अवसर पर ट्रस्टी लक्ष्मी नारायण, राम किशन पुरवाल, सुरेश गर्ग, सतीश चंद्र पुरवाल, शैलेश भाई, त्रिलोक चंद्र, अमित शाह, किशोरी लाल गर्ग, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि, पार्षद अनिल मिश्रा, बागेश्वर पांडेय, शंकर अग्रवाल ,रविंद्र नवानी, राकेश मिश्रा, सुनील मिश्रा, सुनील तिवारी सहित कई संत महापुरूष व भक्त मौजूद रहे।
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