हरिद्वार। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ हरिद्वार के तत्वावधान में आयोजित छठी जिला सीनियर क्रिकेट लीग के पांचवे दिन प्रकाश स्पोर्ट्स एकेडमी के मैदान पर सैनी क्रिकेट एकेडमी व नवयुवक क्रिकेट एकेडमी के मध्य खेले गए लीग मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए नवयुवक क्रिकेट एकेडमी ने 42.2 ओवर में 173 रन बनाए। जिसमें सूर्यांश ने सबसे अधिक 43 रन बनाए। 174 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए सैनी क्रिकेट एकेडमी ने बिना विकेट गवाए 25 ओवरों में 174 रन बनाकर 10 विकेट से मैच जीता लिया। दूसरा मैच वीर शौर्य क्रिकेट एकेडमी व रोज लाइंस क्रिकेट एकेडमी के मध्य जमालपुर क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया। जिसमें वीर शौर्य क्रिकेट एकेडमी ने 10 विकेट से जीत हासिल की। मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए रोज लाइंस की टीम ने 21.3 ओवर में 83 रन बनाए। वीर शौर्य क्रिकेट एकेडमी की तरफ से हसन अख्तर ने 3, अंकित कुमार व विशाल चौधरी ने दो-दो विकेट लिए। 84 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए वीर शौर्य क्रिकेट एकेडमी ने बिना विकेट गंवाए 10 विकेट से जीत हासिल की। तीसरा मैच जिमखाना क्रिकेट एकेडमी व वीजी स्पोर्ट्स एकेडमी के मध्य स्पोर्ट्स एकेडमी के मैदान पर खेला गया। जिसमें पहले बल्लेबाजी करते हुए जिमखाना क्रिकेट एकेडमी ने 44 ओवर में 9 विकेट पर 183 रन बनाए। जिसमें अजय कुमार ने 48, अमोल ने 44 व वैभव रणकोटी ने 30 रन का योगदान दिया। वीजी स्पोर्ट्स अकेडमी ने 41.5 ओवर मे बनाकर 4 विकेट के नुकसान पर लक्ष्य प्राप्त कर 6 विकेट से मैच जीत लिया। जिसमें उत्सव राय 37, शुभम पंडित 36, मंथन त्यागी व चिराग सैनी ने 28-28 रन बनाए। जिमखाना क्रिकेट एकेडमी की तरफ से कार्तिक दीक्षित, वंश राठौर व हिमांशु ने एक एक विकेट लियां योगेश कुमार, स्वतंत्र चौहान, मनजीत कुमार, गौरव, दीपक कश्यप व शिवजी सिंह ने अंपायर एवं अश्वनी कुमार मौर्या, अंशुल बिष्ट व सूरज कुमार ने स्कोरर की भूमिका निभायी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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