हरिद्वार। दहेज की मांग पूरी ना होने पर विवाहिता को फांसी लगाकर जान से मारने व दहेज उत्पीड़न के मामले में जिला जज एसके त्यागी ने पति को दोषी पाते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास व पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। शासकीय अधिवक्ता इंद्रपाल बेदी ने बताया कि 25 दिसंबर 2021 को रानीपुर विकास नगर कॉलोनी,सलेमपुर महदूद में एक विवाहिता की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। सूचना मिलने पर मृतक महिला के पिता अजयपाल सिंह निवासी गांव परसरा जिला शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश व अन्य लोग पुत्री की ससुराल पहुंचे थे। अपनी तहरीर में अजयपाल सिंह ने पुलिस को बताया था कि माह जून 2021 में पुत्री की शादी अमित सिंह पुत्र शिवराज सिंह निवासी ग्राम महुआ पाठक थाना सिंधौली जिला शाहजहांपुर यूपी के साथ की थी। शादी में वादी पक्ष ने साढ़े तीन लाख रुपये व सामान उपहार स्वरूप दिया था। लेकिन शादी में दिए गए दान दहेज से आरोपी पति अमित सिंह, ससुर शिवराज सिंह, सास व तीन ननद खुश नही थे। लगातार उसकी पुत्री को दहेज के लिए प्रताड़ित कर एक बुलेट मोटरसाइकिल व एक लाख रुपये की मांग कर रहे थे। मना करने पर आरोपियो ने पुत्री के साथ मारपीट की थी।घटना के कुछ दिन पूर्व ही आरोपी मृतका को अपने साथ ससुराल लेकर गए थे। उसके बाद आरोपियों ने दहेज के लिए पुत्री की फांसी लगाकर कर हत्या कर दी थी।मृतका के पिता ने दामाद अमित सिंह व उसके पिता शिवराज सिंह,माता, तीन बहनें व जीजा हरिओम पर दहेज की मांग पूरी नही होने पर हत्या करने का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच करने के बाद आरोपी अमित सिंह के खिलाफ आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया था। वादी पक्ष ने साक्ष्य में आठ गवाह पेश किए। जबकि बचाव पक्ष की ओर से एक गवाह पेश किया गया। मामले में गवाही के दौरान पीड़ित पक्ष के गवाहों ने विवेचना के समय दिए गए बयानों का समर्थन नहीं किया। गवाहों ने अमित सिंह व उसके परिजनों पर दहेज के लिए प्रताड़ित व फांसी पर लटकाकर जान से मारने की पुष्टि नहीं की थी। न्यायालय ने अन्य परिस्थितजन्य साक्ष्यों के आधार पर आरोपी पति अमित सिंह को दोषी ठहराया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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