हरिद्वार। श्यामपुर कांगड़ी स्थित बाबा वीरभद्र सेवाश्रम न्यास के परमाध्यक्ष एवं जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी गर्व गिरी महाराज के 15वें सन्यास दीक्षा दिवस के अवसर पर मायादेवी मंदिर प्रांगण से भव्य शोभायात्रा निकाली गयी। भव्य झांकियों,ढोल नगाड़ों व बैण्डबाजों के साथ मायादेवी मंदिर प्रांगण से शुरू हुई शोभायात्रा श्यामपुर स्थित आश्रम में पहुंचकर संपन्न हुई। शोभायात्रा के श्यामपुर कांगड़ी पहुंचने पर बालाजी धाम आश्रम में हिन्दू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी ने फूलमाला पहनाकर स्वामी गर्व गिरी महाराज का स्वागत किया। इसके अलावा अनेक संत महापुरूषों व श्रद्धालुओं ने भी जगह -जगह पुष्पवर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया। इस अवसर पर बाबा वीरभद्र सेवाश्रम न्यास में बच्चों द्वारा मनमोहक धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वचन देते हुए महामंडलेश्वर स्वामी गर्व गिरी ने कहा कि राष्ट्र की एकता अखंडता कायम रखने में संत महापुरूषों ने हमेशा ही अहम भूमिका निभायी है। अपने 15वें सन्यास दीक्षा दिवस के अवसर पर बाबा वीरभद्र सेवा संगठन के गठन की घोषणा करते हुए स्वामी गर्व गिरी महाराज ने कहा कि संगठन के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर 12 बच्चों की शिक्षा व 12 गरीब कन्याओं के विवाह का खर्च उठाने के साथ युवा वर्ग का मार्गदर्शन कर उन्हें पाश्चात्य संस्कृति का त्याग कर सनातन धर्म संस्कृति का पालन, गंगा स्वच्छता और गौसेवा के प्रति प्रेरित करने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में निर्णायक भूमिका निभाने वाले संत महापुरूष समाज के मार्गदर्शक भी हैं। समाज को गति प्रदान करने के लिए सभी बालक बालिकाओं को शिक्षा के समान अवसर मिलने चाहिए। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर बालकों की शिक्षा और गरीब कन्याओं के विवाह का खर्च उठाने का निर्णय लिया है। स्वामी रवि देव शास्त्री ने कहा कि जिस प्रकार महामंडलेश्वर स्वामी गर्व गिरी महाराज गरीब बच्चों की मदद कर रहे हैं। वह सभी के लिए प्रेरणादायी है। सभी श्रद्धालु भक्तों को इस पुनीत कार्य में बढ़-चढ़कर स्वामी गर्व गिरी महाराज का सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं। अच्छी शिक्षा प्राप्त कर बालक एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में देश का गौरव बढ़ाएंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरी ने कहा कि सभी संत महापुरूषों को एकजुट होकर सनातन धर्म संस्कृति और परंपरांओं को आगे बढ़ाने में योगदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह दिन अब दूर नहीं है। जब भारत हिंदू राष्ट्र कहलाएगा और घर घर में भगवान श्रीराम के नारे लगेंगे और प्रत्येक व्यक्ति भारत के हिंदू राष्ट्र होने पर गौरवान्वित होगा। उन्होंने कहा कि महामंडलेश्वर स्वामी गर्व गिरी के 15वें सन्यास दीक्षा दिवस के अवसर पर सभी संत महापुरुषों को गरीब असहाय लोगों की मदद कर उनका भविष्य उज्जवल बनाने की प्रतिज्ञा लेनी चाहिए। इस अवसर प स्वामी रविदेव शास्त्री,थानापति धर्मेन्द्र पुरी,थानपति राजेंद्र गिरी,थानापति हीरा भारती,थानापति राजगिरी, थानापति अमृत पुरी,महंत मिठ्ठू गिरी,दीपेश पुरी, थानापति परमानंद गिरी,महंत वीरेंद्र पुरी, साध्वी स्वामी श्रद्धानाथ,प्रमोद गिरी,प्रदीप गिरी,भरत लाल,लाखन गिरी,डा.अभय गौतम, महेश शर्मा,दीपांशु त्यागी,मोनू गिरी, लव गिरी आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। श्यामपुर कांगड़ी स्थित बाबा वीरभद्र सेवाश्रम न्यास के परमाध्यक्ष एवं जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी गर्व गिरी महाराज के 15वें सन्यास दीक्षा दिवस के अवसर पर मायादेवी मंदिर प्रांगण से भव्य शोभायात्रा निकाली गयी। भव्य झांकियों,ढोल नगाड़ों व बैण्डबाजों के साथ मायादेवी मंदिर प्रांगण से शुरू हुई शोभायात्रा श्यामपुर स्थित आश्रम में पहुंचकर संपन्न हुई। शोभायात्रा के श्यामपुर कांगड़ी पहुंचने पर बालाजी धाम आश्रम में हिन्दू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी ने फूलमाला पहनाकर स्वामी गर्व गिरी महाराज का स्वागत किया। इसके अलावा अनेक संत महापुरूषों व श्रद्धालुओं ने भी जगह -जगह पुष्पवर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया। इस अवसर पर बाबा वीरभद्र सेवाश्रम न्यास में बच्चों द्वारा मनमोहक धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वचन देते हुए महामंडलेश्वर स्वामी गर्व गिरी ने कहा कि राष्ट्र की एकता अखंडता कायम रखने में संत महापुरूषों ने हमेशा ही अहम भूमिका निभायी है। अपने 15वें सन्यास दीक्षा दिवस के अवसर पर बाबा वीरभद्र सेवा संगठन के गठन की घोषणा करते हुए स्वामी गर्व गिरी महाराज ने कहा कि संगठन के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर 12 बच्चों की शिक्षा व 12 गरीब कन्याओं के विवाह का खर्च उठाने के साथ युवा वर्ग का मार्गदर्शन कर उन्हें पाश्चात्य संस्कृति का त्याग कर सनातन धर्म संस्कृति का पालन, गंगा स्वच्छता और गौसेवा के प्रति प्रेरित करने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में निर्णायक भूमिका निभाने वाले संत महापुरूष समाज के मार्गदर्शक भी हैं। समाज को गति प्रदान करने के लिए सभी बालक बालिकाओं को शिक्षा के समान अवसर मिलने चाहिए। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर बालकों की शिक्षा और गरीब कन्याओं के विवाह का खर्च उठाने का निर्णय लिया है। स्वामी रवि देव शास्त्री ने कहा कि जिस प्रकार महामंडलेश्वर स्वामी गर्व गिरी महाराज गरीब बच्चों की मदद कर रहे हैं। वह सभी के लिए प्रेरणादायी है। सभी श्रद्धालु भक्तों को इस पुनीत कार्य में बढ़-चढ़कर स्वामी गर्व गिरी महाराज का सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं। अच्छी शिक्षा प्राप्त कर बालक एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में देश का गौरव बढ़ाएंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरी ने कहा कि सभी संत महापुरूषों को एकजुट होकर सनातन धर्म संस्कृति और परंपरांओं को आगे बढ़ाने में योगदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह दिन अब दूर नहीं है। जब भारत हिंदू राष्ट्र कहलाएगा और घर घर में भगवान श्रीराम के नारे लगेंगे और प्रत्येक व्यक्ति भारत के हिंदू राष्ट्र होने पर गौरवान्वित होगा। उन्होंने कहा कि महामंडलेश्वर स्वामी गर्व गिरी के 15वें सन्यास दीक्षा दिवस के अवसर पर सभी संत महापुरुषों को गरीब असहाय लोगों की मदद कर उनका भविष्य उज्जवल बनाने की प्रतिज्ञा लेनी चाहिए। इस अवसर प स्वामी रविदेव शास्त्री,थानापति धर्मेन्द्र पुरी,थानपति राजेंद्र गिरी,थानापति हीरा भारती,थानापति राजगिरी, थानापति अमृत पुरी,महंत मिठ्ठू गिरी,दीपेश पुरी, थानापति परमानंद गिरी,महंत वीरेंद्र पुरी, साध्वी स्वामी श्रद्धानाथ,प्रमोद गिरी,प्रदीप गिरी,भरत लाल,लाखन गिरी,डा.अभय गौतम, महेश शर्मा,दीपांशु त्यागी,मोनू गिरी, लव गिरी आदि मौजूद रहे।
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