गायत्री जयंती पर्व मनाने शांतिकुंज पहुँचे देश-विदेश के हजारों साधक
हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में तीन दिवसीय गायत्री जयंती महापर्व का आज शुभारंभ हुआ है। तीन दिवसीय महापर्व की शुरुआत ध्यान साधना एवं गायत्री यज्ञ से हुआ। इस अवसर पर देश विदेश से आये हजारों साधकों ने यज्ञ में आहुतियाँ डाली। वहीं भाषण प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में स्तुति पण्ड्या ने बाजी मारी,तो आदर्श को दूसरा तथा अक्षित को तीसरा स्थान मिला। सीनियर वर्ग में अनिशा को पहला,अंजलि उत्तम को दूसरा तथा इशिका को तीसरा स्थान मिला। पर्व मनाने आये साधकों को संबोधित करते हुए पं.शिवप्रसाद मिश्र ने कहा कि अखिल विश्व गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा ने अपना जीवन औरों के हित में होम दिया था। उनकी साधना एवं कर्त्तव्यनिष्ठा का प्रभाव था कि वे विकट से विकट परिस्थितियों में भी सतत संघर्ष पथ पर डटी रहीं। गायत्री जयंती 1990 में आचार्यश्री के महाप्रयाण के बाद की घड़ियाँ कुछ ऐसी ही कठिन थीं। विक्षोभ की व्याकुलता तो थी,पर असीम संतुलन को बनाये रखा। अपने करोड़ों परिजनों और संगठन की मजबूती एवं विस्तार के साथ उसके उद्देश्य को सम्पूर्ण मानवता तक पहुँचाने के लिए नये शंखनाद की घोषणा की। करोड़ों लोगों के विराट् जन समूह को आश्वस्त करते हुए कहा-यह दैवी शक्ति द्वारा संचालित मिशन आगे ही बढ़ता जायेगा। कोई भी झंझावत इसे हिला नहीं सकेगा। देवसंस्कृति-भारतीय संस्कृति, विश्व संस्कृति बनेगी। उन्होंने कहा कि अखण्ड ज्योति, युग निर्माण योजना,युग शक्ति ेगायत्री,महिला जागृति अभियान सहित कुल 13 पत्र-पत्रिकाओं का भी संपादिका रहीं और करोड़ों पाठकों को व्यक्तित्व निर्माण,परिवार निर्माण,समाज निर्माण एवं राष्ट्र-विश्व निर्माण संबंधी मार्गदर्शन दिया। उन्होंने माता भगवती देवी शर्मा एवं अखण्ड दीपक शताब्दी वर्ष 2026 को पूरे उत्साह के साथ मनाने के प्रेरित किया। इससे पूर्व शांतिकुंज के मुख्य सभागार में आयोजित सत्संग में वीरेन्द्र तिवारी ने गायत्री साधकों को युग निर्माण मिशन के जनक युगऋषि पं श्रीराम शर्मा आचार्य जी के जीवन दर्शन पर विस्तृत प्रकाश डाला। इस अवसर पर देश विदेश से आये हजारों नर नारी उपस्थित रहे।
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