हरिद्वार। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर एवं बाबा वीरभद्र सेवाश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी गर्व गिरी महाराज ने कहा कि देवों के देव महादेव भगवान शिव संसार के सर्वशक्तिमान देव हैं। सावन भक्तों पर सदैव कृपा बरसाने वाले भगवान शिव की आराधना का महापर्व है। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी गर्व गिरी महाराज ने कहा कि भगवान भोले शंकर भक्तों का हमेशा कल्याण करते हैं। सावन में भगवान शिव की आराधना से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। जन-जन के आराध्य भगवान शिव भक्तों द्वारा किए जाने वाले जलाभिषेक से ही प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं। शिव कृपा से सभी ग्रह बाधाएं और समस्याएं दूर हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि सभी को प्रतिदिन भगवान शिव का जलाभिषेक अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सावन में भगवान शिव के प्रति रूद्राभिषेक करना सबसे अधिक फलदायी है। रूद्राभिषेक करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। जलाभिषेक एवं रूद्राभिषेक करते हुए भगवान शिव के साथ माता पार्वती का भी ध्यान अवश्य करें। ऐसा करने से श्रद्धालु भक्त को भगवान शिव के साथ माता शक्ति की कृपा भी प्राप्त होती है और शिव शक्ति की सम्मिलित कृपा से सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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