हरिद्वार। श्री दक्षिण काली मंदिर प्रांगण में शिव आराधना कर रहे निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने बुधवार को विभिन्न प्रकार के पुष्पों,द्रव्यों, पंचामृत आदि से रूद्राभिषेक कर विश्व कल्याण की कामना की। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि शिव आराधना कभी निष्फल नहीं जाती। विधि विधान से शिव आराधना और रूद्राभिषेक करने से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है। नियमपूर्वक नित्य शिव आराधना करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। प्रत्येक कार्य में सफलता प्राप्त होता है। विचार व मनोवृत्ति पावन हो जाती है। जिससे साधक का पूरा जीवन बदल जाता है। उन्होंने कहा कि सृष्टि की उत्पत्ति और संहार का कारक भगवान शिव ही हैं। संसार की रक्षा के लिए हलाहल विष को अपने कंठ में धारण करने वाले भगवान शिव सदा कल्याण करते हैं। शिव साधक से केवल भक्ति भाव की अपेक्षा रखते हैं और मात्र जलाभिषेक से ही प्रसन्न होकर भक्त के सभी संकटों को दूर कर धन्य धान्य से परिपूर्ण कर देते हैं। उन्होंने कहा कि सावन में सभी को देवों के देव महादेव की आराधना अवश्य करनी चाहिए। इस अवसर पर स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी,बालमुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी,स्वामी लाल बाबा,आचार्य पवन दत्त मिश्रा,आचार्य प्रमोद पांडे,स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी,चेतन शर्मा,राजू शुक्ला,अनुराग वाजपेयी आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
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