हरिद्वार। महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी के नेतृत्व में व्यापारियों ने बस अड्डे के पास एकत्रित होकर पॉड टैक्सी परियोजना से जुड़े अधिकारियों पर सरकार को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन कर विरोध जताया। सुनील सेठी ने कहा कि व्यापारी शुरू से पॉड कार परियोजना का नहीं बल्कि परियोजना के प्रस्तावित रूट का विरोध कर रहे हैं। व्यापारियों की मांग है कि प्रस्तावित रूट का रद्द कर पॉड टैक्सी का संचालन शहर के बाहर गंगा किनारे किया जाए। सेठी ने कहा कि परियोजना से जुड़े अधिकारी शुरू से ही जिला प्रशासन और सरकार को गुमराह कर रहे हैं। हरिद्वार की भौगोलिक परिस्थितियों का अध्ययन किए बिना ही परियोजना की डीपीआर तैयार कर दी गयी। उन्होंने कहा कि व्यापारी रूट को लेकर अपना विरोध पहले भी दर्ज करा चुके हैं। ऐसे में अब बैठकों का कोई औचित्य नहीं है। व्यापारियों को होने वाले नुकसान तथा परेशानी को समझते हुए सरकार को तत्काल रूट में बदलाव की घोषणा करनी चाहिए। महानगर अध्यक्ष जितेंद्र चौरसिया एवं महामंत्री नाथीराम सैनी ने कहा कि हरिद्वार की भौगोलिक परिस्थिति का ज्ञान होने के बाद भी परियोजना से जुड़े अधिकारी रूट प्लान थोपकर करोड़ो रुपए के बजट को ठिकाने लगाना चाहते है। जिसका भविष्य में कोई भी लाभ मिलता दिख नही रहा है। इससे अच्छा मेट्रो को हाईवे किनारे चलाकर उसका लाभ स्थानीय निवासियों एवं श्रद्धालु दोनो को दिया जाए। प्रस्तावित रूट प्लान को बदलना ही न्यायसंगत है। विरोध जताने वालो में मुख्य रूप से कोषाध्यक्ष मुकेश अग्रवाल,महानगर उपाध्यक्ष सुनील मनोचा,सोनू चौधरी,जिला उपाध्यक्ष पंकज माटा,मनोज ठाकुर,लक्की सिंह, सन्नी दामिर,विनोद कुमार,राजा सिंह, रवि कुमार, उमेश चौधरी,रामलाल कुमार,रिंकल सिंह, रवि अरोड़ा,भूदेव शर्मा,अनिल कुमार,विनोद कुमार, मोहित कुमार,गौरव गोतम,देवेंद्र सिंह आदि व्यापारी शामिल रहे।
हरिद्वार। महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी के नेतृत्व में व्यापारियों ने बस अड्डे के पास एकत्रित होकर पॉड टैक्सी परियोजना से जुड़े अधिकारियों पर सरकार को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन कर विरोध जताया। सुनील सेठी ने कहा कि व्यापारी शुरू से पॉड कार परियोजना का नहीं बल्कि परियोजना के प्रस्तावित रूट का विरोध कर रहे हैं। व्यापारियों की मांग है कि प्रस्तावित रूट का रद्द कर पॉड टैक्सी का संचालन शहर के बाहर गंगा किनारे किया जाए। सेठी ने कहा कि परियोजना से जुड़े अधिकारी शुरू से ही जिला प्रशासन और सरकार को गुमराह कर रहे हैं। हरिद्वार की भौगोलिक परिस्थितियों का अध्ययन किए बिना ही परियोजना की डीपीआर तैयार कर दी गयी। उन्होंने कहा कि व्यापारी रूट को लेकर अपना विरोध पहले भी दर्ज करा चुके हैं। ऐसे में अब बैठकों का कोई औचित्य नहीं है। व्यापारियों को होने वाले नुकसान तथा परेशानी को समझते हुए सरकार को तत्काल रूट में बदलाव की घोषणा करनी चाहिए। महानगर अध्यक्ष जितेंद्र चौरसिया एवं महामंत्री नाथीराम सैनी ने कहा कि हरिद्वार की भौगोलिक परिस्थिति का ज्ञान होने के बाद भी परियोजना से जुड़े अधिकारी रूट प्लान थोपकर करोड़ो रुपए के बजट को ठिकाने लगाना चाहते है। जिसका भविष्य में कोई भी लाभ मिलता दिख नही रहा है। इससे अच्छा मेट्रो को हाईवे किनारे चलाकर उसका लाभ स्थानीय निवासियों एवं श्रद्धालु दोनो को दिया जाए। प्रस्तावित रूट प्लान को बदलना ही न्यायसंगत है। विरोध जताने वालो में मुख्य रूप से कोषाध्यक्ष मुकेश अग्रवाल,महानगर उपाध्यक्ष सुनील मनोचा,सोनू चौधरी,जिला उपाध्यक्ष पंकज माटा,मनोज ठाकुर,लक्की सिंह, सन्नी दामिर,विनोद कुमार,राजा सिंह, रवि कुमार, उमेश चौधरी,रामलाल कुमार,रिंकल सिंह, रवि अरोड़ा,भूदेव शर्मा,अनिल कुमार,विनोद कुमार, मोहित कुमार,गौरव गोतम,देवेंद्र सिंह आदि व्यापारी शामिल रहे।
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