हरिद्वार। हिन्दी प्रोत्साहन समिति (उ0प्र0) के द्वारा डॉ0 पंकज कौशिक को उत्तराखण्ड प्रदेश का अध्यक्ष मनोनीत किया है। हिन्दी के प्रचार-प्रसार का कार्य किया जाएगा। हिन्दी राष्ट्र भाषा को पल्लवित करने के लिए नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी कार्यसमिति का गठन करते हुए चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानन्द महाराज,बाबा हठयोगी,अधीर कौशिक,वैद्य (डॉ0) एम0आर0 शर्मा, प्रो0 श्रवण कुमार शर्मा,प्रो0 दिनेश चन्द्र भट्ट, प्रो0 दिनेशचन्द्र शास्त्री, डा0 सुनील बत्रा,डा0 दीनानाथ शर्मा,डा0 विजेन्द्र शास्त्री को समिति का संरक्षक मनोनीत करते हुए डा0 विनय सेठी,मुदित अग्रवाल,अश्वनी अरोड़ा,अमित शर्मा को उपाध्यक्ष,डा0 सिद्धार्थ चक्रपाणी को सहसंयोजक,हेमन्त सिंह नेगी को कोषाध्यक्ष,कुलभूषण शर्मा को महामंत्री, प्रकाशचन्द्र तिवाड़ी को सह मंत्री,शिवांग अग्रवाल व जितेन्द्र कोरी को प्रचार मंत्री तथा डा0 सुशील उपाध्याय,डा0 अजीत सिंह तोमर,डा0 राकेश भुटियानी,डा0 ऊधम सिंह,प्रमोद कुमार, अनिल अरोड़ा को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में मनोनीत किया है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जल्द ही नवगठित कार्यकारिणी की बैठक बुला संगठन का विस्तार करते हुए प्रदेश व जिला स्तर पर महिला युवा इकाइयों का गठन करते हुए संगठन का विस्तार किया जाएगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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