हरिद्वार जिला स्तरीय वनाधिकार समिति अध्यक्ष सह जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता मंे मंगलवार को कलक्ट्रेट में जनपद हरिद्वार,वन प्रभाग के क्षेत्रान्तर्गत अवस्थित टोंगिया वन ग्रामों-पुरुषोत्तम नगर, कमला नगर, हरिपुर टाँगिया, को राजस्व ग्राम बनाये जाने के सम्बन्ध में जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित हुई। जिला स्तरीय समिति की बैठक में टोंगिया वन ग्रामों-पुरुषोत्तम नगर, कमला नगर,हरिपुर टाँगिया को राजस्व ग्राम की श्रेणी में शामिल किये जाने के सम्बन्ध में बीर सिंह बुदियाल, अपर जिलाधिकारी (वि0ध्रा0), नीरज शर्मा, प्रभागीय वनाधिकारी,टी०आर० मलेठा, जिला समाज कल्याण अधिकारी, अंकित, जिला पंचायत सदस्य,श्रीमती रेणू बाला,जिला पंचायत सदस्य,श्रीमती सविता,जिला पंचायत सदस्य ने उपखण्ड स्तरीय वनाधिकार समिति द्वारा आवश्यक साक्ष्यों सहित उपलब्ध कराये गये प्रस्ताव पर गहन विचार-विमर्श किया। जिला स्तरीय वनाधिकार समिति ने उपखण्ड स्तरीय वनाधिकार समिति द्वारा टोंगिया वन ग्रामों-पुरुषोत्तम नगर, कमला नगर, हरिपुर टाँगिया, को राजस्व ग्राम बनाये जाने के सम्बन्ध में उपलब्ध कराये गये प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार करते हुये इन वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने के सम्बन्ध में शासन को प्रस्ताव अग्रसारित करने का निर्णय लिया। जिलाधिकारी श्री गर्ब्याल ने बताया कि टोंगिया वन ग्रामों-पुरुषोत्तम नगर, जिसकी कुल आवंटित भूमि 45.45 है0,कुल मूल परिवारों की संख्या-78 तथा ग्राम परिवार रजिस्टर के अनुसार जिसकी जनसंख्या 1137 है,कमला नगर,जिसकी कुल आवंटित भूमि 15.65 है0,कुल परिवारों की संख्या 30 तथा जिसकी जनसंख्या-396 है,इसी प्रकार हरिपुर टाँगिया,जिसकी कुल आवंटित भूमि 74.87 है0,कुल मूल परिवारों की संख्या-255 तथा जिसकी कुल जनसंख्या-2300 है,को शासन द्वारा राजस्व ग्राम का दर्जा प्राप्त होने पर सभी प्रकार की सुविधायें प्राप्त होनी प्रारम्भ हो जायेंगी। इससे इन ग्रामों की 3833 की जनसंख्या लाभान्वित होगी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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