हरिद्वार। कनखल स्थित राजपूत धर्मशाला में क्षत्रिय महासंघ भारत का दो दिवसीय अधिवेशन शनिवार को शुरू हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृपाल सिंह चौहान तथा संचालन कैप्टन सुरेश सिंह परमार ने किया। अधिवेशन में भाग ले रहे करीब 14 राज्यों से आए सभी प्रतिभागियों का तिलक व बेज लगाकर व पटका पहना कर स्वागत किया गया। अधिवेशन को संबोधित करते हुए क्षत्रिय महासंघ भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन सुरेश सिंह परमार ने कहा कि अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य क्षत्रिय राजपूत वंश के चहंुमुखी विकास के लिए एकता स्थापित कर समाज एवं राष्ट्र के विकास के लिए क्षत्रिय वंश के रीति-रिवाजों,भाषा,पूजा पद्धति,विवाह पद्धति में नवीन वैज्ञानिक आधारों पर स्वीकार करने के संबंध में विचार करना है। कृपाल सिंह चौहान ने कहा कि क्षत्रिय समाज ही देश को उच्च शिखर पर ले जाने के साथ-साथ विकास के पथ पर ले जा सकता है। उच्च कुलीन क्षत्रिय समाज की उपेक्षा कदापि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अनिल पुंडीर एडवोकेट ने कहा कि हिंदुस्तान में हिंदुत्व ही हिंदुस्तान की आत्मा है। हिंदुत्व को और अधिक प्रबल तथा प्रखर बनाने के लिए सबको एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा। क्षत्रिय समाज के बिना देश का आगे बढ़ना संभव नहीं है। महेंद्र परमार ने कहा कि क्षत्रिय समाज हिंदुस्तान की रीढ और पहचान है। विश्व भर में क्षत्रिय वीर सूरमाओं की लिखी गई गाथा के लिए हिंदुस्तान अपनी अलग ही छवि रखता है। क्षत्रिय महासंघ भारत के हरिद्वार जिला अध्यक्ष कुंवर संजीव कुशवाहा ने कहा कि जब तक क्षत्रिय समाज का कल्याण और उत्थान नहीं होगा तब तक देश और समाज में एकाग्रता संभव नहीं। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह बैंस,रवि राणा,मुकेश राणा,शिवम सिंह,तेज सिंह पुंडीर,कैप्टन सुरेंद्र सिंह, महेश पाल सिंह जादौन,कुंवर संजीव कुशवाहा,उदय सिंह पुंडीर,संजय चौहान,उमेश पुडीर, प्रवीण कुशवाहा, बृजभूषण सिंह सिंगर,बलराम दहाड़े, सुशीला परमार, डा.योगेश सिंह शेखावत, भरत सिंह राजपूत,बुद्धि सिंह गौर,विक्रम सिंह परमार,रामनाथ परमार,रामलाल परमार, श्यामलाल परमार,ठाकुर मनोज कुमार,परवीन सहित क्षत्रिय समाज के अनेक विद्वत लोग कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं।
हरिद्वार। कनखल स्थित राजपूत धर्मशाला में क्षत्रिय महासंघ भारत का दो दिवसीय अधिवेशन शनिवार को शुरू हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृपाल सिंह चौहान तथा संचालन कैप्टन सुरेश सिंह परमार ने किया। अधिवेशन में भाग ले रहे करीब 14 राज्यों से आए सभी प्रतिभागियों का तिलक व बेज लगाकर व पटका पहना कर स्वागत किया गया। अधिवेशन को संबोधित करते हुए क्षत्रिय महासंघ भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन सुरेश सिंह परमार ने कहा कि अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य क्षत्रिय राजपूत वंश के चहंुमुखी विकास के लिए एकता स्थापित कर समाज एवं राष्ट्र के विकास के लिए क्षत्रिय वंश के रीति-रिवाजों,भाषा,पूजा पद्धति,विवाह पद्धति में नवीन वैज्ञानिक आधारों पर स्वीकार करने के संबंध में विचार करना है। कृपाल सिंह चौहान ने कहा कि क्षत्रिय समाज ही देश को उच्च शिखर पर ले जाने के साथ-साथ विकास के पथ पर ले जा सकता है। उच्च कुलीन क्षत्रिय समाज की उपेक्षा कदापि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अनिल पुंडीर एडवोकेट ने कहा कि हिंदुस्तान में हिंदुत्व ही हिंदुस्तान की आत्मा है। हिंदुत्व को और अधिक प्रबल तथा प्रखर बनाने के लिए सबको एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा। क्षत्रिय समाज के बिना देश का आगे बढ़ना संभव नहीं है। महेंद्र परमार ने कहा कि क्षत्रिय समाज हिंदुस्तान की रीढ और पहचान है। विश्व भर में क्षत्रिय वीर सूरमाओं की लिखी गई गाथा के लिए हिंदुस्तान अपनी अलग ही छवि रखता है। क्षत्रिय महासंघ भारत के हरिद्वार जिला अध्यक्ष कुंवर संजीव कुशवाहा ने कहा कि जब तक क्षत्रिय समाज का कल्याण और उत्थान नहीं होगा तब तक देश और समाज में एकाग्रता संभव नहीं। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह बैंस,रवि राणा,मुकेश राणा,शिवम सिंह,तेज सिंह पुंडीर,कैप्टन सुरेंद्र सिंह, महेश पाल सिंह जादौन,कुंवर संजीव कुशवाहा,उदय सिंह पुंडीर,संजय चौहान,उमेश पुडीर, प्रवीण कुशवाहा, बृजभूषण सिंह सिंगर,बलराम दहाड़े, सुशीला परमार, डा.योगेश सिंह शेखावत, भरत सिंह राजपूत,बुद्धि सिंह गौर,विक्रम सिंह परमार,रामनाथ परमार,रामलाल परमार, श्यामलाल परमार,ठाकुर मनोज कुमार,परवीन सहित क्षत्रिय समाज के अनेक विद्वत लोग कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं।
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