हरिद्वार। श्रीगंगा सभा के तत्वावधान में बड़ी संख्या में तीर्थपुरोहितों ने हर की पैड़ी पर पूरे विधि विधान के साथ श्रावणी उपाकर्म हेमाद्रि संकल्प स्नान कर देवऋषि एवं पित्तरों के निमिृत्त तर्पण परिवार एवं समाज के कल्याण की कामना की। इस दौरान गंगा जी की विशेष पूजा अर्चना भी की गयी। बुधवार को श्रावणी पूर्णिमा के मौके पर श्रीगंगासभा के तत्वावधान में बड़ी संख्या में हरिद्वार,ज्वालापुर तथा कनखल के तीर्थपूरोहितों ने श्रावणी उपाकर्म सम्पन्न किए। इस दौरान तीर्थपूरोहितों द्वारा वर्षभर उपयोग में लाये जाने वाले यज्ञोपवीत एवं रक्षा सूत्र का अनुसंधान किया। हेमाद्रि संकल्प स्नान कर देव ऋषि एवं पित्तरों का तपर्ण कर्म आदि सम्पन्न किए। मान्यता है कि श्रावण पूर्णिमा पर यज्ञोपवीत धरण करने,रक्षासूत्र का अनुसंधान कर रक्षा सूत्र बॉधने,पवित्र नदियों में स्नान आदि कर तर्पण करने तथा तप करने से पूण्य फल प्राप्त होते है। हेमाद्रि स्नान के निमित्त गोमूत्र,गाय का गोबर,गौमृत्तिका,भस्मी,पफलो का रस,हल्दी ,चंदन सहित दस सामग्रियों से स्नान करने से आत्मशुद्वि होती है और पितरों के निमिृत तर्पण से उन्हे भी तृप्ति होती है। श्रावणी पूर्णिमा के मौके पर बुधवार को श्रीगंगा सभा की अगुवाई में तीर्थ पूरोहितो सहित बड़ी संख्या में श्रद्वालुओं से हर की पैड़ी पर श्रावणी उपाकर्म सम्पन्न किए। इस दौरान वर्षभर उपयोग में लाये जाने यज्ञोपवीत एवं रक्षा सूत्र का अनुसंधान किया। हेमाद्रि संकल्प स्नान कर देवऋषि एवं पित्तरों के निर्मित तपर्ण कर सुख समृद्वि तथा समाज के कल्याण की कामना की। श्रीगंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम,महामंत्राी तन्मय वशिष्ठ,उपसभापति यतीन्द्र सिखौला,स्वागत मंत्री सिद्वार्थ चक्रपाणि,प्रचार मंत्री गोपाल प्रधान,प्रचार सचिव शैलेष गौतम,वीरेन्द्र कौशिक,गंगा सेवक दल सचिव उज्जवल पण्डित के अलावा शिवांकर चक्रपाणि, अमित झा,डॉ.प्रशांत पालीवाल,सुभाष दलाल,भूपेंद्र पटुवर,दीपकांत सरायवाले,विशाल सिखौला, अरूण शर्मा,राजीव शर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रीगंगा सभा के पदाधिकारी एवं तीर्थपूरोहितों ने पूर्ण विधि विधान के साथ गंगा पूजन,गंगा स्नान कर श्रावणी उपाकर्म आदि पूजन सम्पन्न किए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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