Skip to main content

सावन रूद्राभिषेक कर शिव को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा अवसर-स्वामी रामेश्वरानंद

 


हरिद्वार। महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि 19 वर्ष बाद सावन में पुरूषोत्तम मास का संयोग बनने से सावन का महीना 59 दिन का हो गया है। सभी को इस शुभ संयोग का अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि शास्त्रों के अनुसार इस माह में तीर्थ में किया शुभ कर्म हजार गुना फलदायी होता है। सावन रूद्राभिषेक कर शिव को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त करने का सबसे अच्छा अवसर है। उन्होंने कहाकि विभिन्न लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अलग अलग विधियों से भगवान शिव का अभिषेक करें। भवन और वाहन की प्राप्ति के लिए दही से रूद्राभिषेक करें। धन की प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रूद्राभिषेक करें। धन वृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें। तीर्थो के जल से अभिषेक करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इत्र मिले जल या गिलोय समेत विभिन्न औषधियों के रस से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है। पुत्र प्राप्ति के लिए दूध से रूद्राभिषेक करें। रुद्राभिषेक से योग्य तथा विद्वान संतान की प्राप्ति होती है। ज्वर की शांति हेतु गंगाजल से रुद्राभिषेक करें। शिवसहस्रनाम मंत्रों का उच्चारण करते हुए घृत की धारा से रुद्राभिषेक करने पर वंश का विस्तार होता है। शक्कर मिले दूध से अभिषेक करने पर जड़बुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है। सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है। शहद से अभिषेक करने पर यक्ष्मा (तपेदिक) दूर हो जाती है। गोदुग्ध से तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता प्राप्त होती है। षड्ंग रूद्री,शतरूद्रिय,रूद्री एकादशिनी,लघु रूद्रात्मक,महारूद्र,अति रूद्र,आदि क्रम से पाठात्मक,अभिषेकात्मक,होमात्मक विधि से देवाधिदेव देव महादेव को प्रसन्न कर मनोवांछित फल की प्राप्ति होती हैं। कालसर्प योग,गृहक्लेश,व्यापार में नुकसान,शिक्षा में रुकावट सभी कार्यों की बाधाओं को दूर करने के लिए रुद्राभिषेक करने से अभीष्ट फल प्राप्ति होती है। अधिक मास श्रावण में एक हजार बेल पत्र से भगवान शिव का सहस्त्रार्चन करने से पूर्व जन्मों के पाप कट जाते हैं और साधक साक्षात शिव स्वरूप हों जाता है। 


Comments

Popular posts from this blog

गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को ...