हरिद्वार। कनखल स्थित स्वामी हरिहरानंद पब्लिक स्कूल कनखल में आयोजित दो दिवसीय हैप्पीनेस इंजीनियरिंग कार्यशाला में डा.अरुण भारद्वाज ने शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को तनाव मुक्त जीवन जीने के गुर सिखाए। कार्यशाला में स्कूल के शिक्षकों के साथ कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला के शुभारंभ पर विद्यालय की प्रधानाचार्य हेमा पटेल व उप प्रधानाचार्य डा.ममता पांडे ने अरुण भारद्वाज को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। डा.अरुण भारद्वाज ने विद्यार्थियों को बताया कि जब हम प्रसन्न होते हैं,तो अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं। शिक्षा के साथ-साथ संस्कार को जोड़कर सफल जीवन जिया जा सकता है। डा.भारद्वाज ने कहा कि कैसे एक शिक्षक विद्यार्थियों से जुड़ा रहता है। उपयुक्त वातावरण में प्रयोगात्मक अनुभव सीखा जाता है। शिक्षक बच्चों के जीवन में प्रोग्राम की तरह होता है। विद्यार्थियों के जीवन को सही आयाम से ही उन्नति की ओर बढ़ा सकते हैं। डा.अरुण भारद्वाज ने कहा कि विद्यार्थियों को स्वयं की क्षमता को पहचान कर अपने जीवन की असफलताओं से सीखना चाहिए। नए अनुभव के लिए स्वयं तैयार रहना होगा। उन्होंने विद्यार्थियों को माउंट एवरेस्ट का उदाहरण देते हुए लक्ष्य निर्धारण करने का तरीका भी समझाया। आंतरिक प्रसन्नता के द्वारा किसी भी कार्य को सफलतापूर्वक कर सकते हैं। समय के महत्व को ध्यान में रखें। स्कूल के प्रबंधक स्वामी शरद पुरी महाराज ने कहा कि शिक्षा जीवन चरित्र को उत्तम बनाने का सशक्त माध्यम है। शिक्षित समाज ही राष्ट्र की उन्नति में अपना योगदान दे सकता है। डा.अरुण भारद्वाज द्वारा बताए गए मंत्र अवश्य ही विद्यार्थियों के जीवन के लक्ष्य में सही साबित होंगे। इस दौरान स्वामी प्रज्ञा पुरी, स्वामी नित्यम पुरी, एके बंसल, हेमा पटेल आदि ने भी अपने विचारों से विद्यार्थियों को अवगत कराया।
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