हरिद्वार। कनखल स्थित श्री तिलभाण्डेश्वर महादेव मंदिर का 31वां वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया। श्री तिलभाण्डेश्वर महादेव मंदिर के परमाध्यक्ष श्रीमहंत त्रिवेणी दास महाराज ने कहा कि श्रावण मास में की गई भगवान शिव की आराधना प्रत्येक भक्त को मनोवांछित फल प्रदान कर उसकी सभी दुश्वारियां को दूर करती है। देवों के देव महादेव भगवान शिव सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति देव हैं, जो भक्तों की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न होकर उन्हें मनवांछित फल प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि कनखल नगरी के कण-कण में भगवान शिव विद्यमान हैं। चातुमार्स के चार माह भगवान शिव कनखल में निवासरत रहते हुए सृष्टि का संचालन करते हैं। उन्होंने कहा कि ईश्वर तो प्रत्येक व्यक्ति के कण-कण में विराजमान हैं,किन्तु जो शिव को समर्पित हो गया वहीं उनके दर्शन का सौभाग्य प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव भक्त के जल,पुष्प अर्पण करने से ही प्रसन्न हो जाते हैं। इस कारण भी उन्हें महादेव कहा जाता है। शिव ही परम कल्याणकारी देव हैं। शिव अनादि हैं तथा अनन्त हैं। उन्होंने कहा कि चराचर जगत भगवान शिव का ही रूप है। इसी कारण से भगवान शिव की महिमा को अपरम्पार कहा गया है। इस अवसर पर कारोबारी महंत गोविन्द दास,अशोक पुरी,अरविन्द अग्रवाल,भारत भूषण,सचिन अग्रवाल,जगदीश वत्स,हिमांशु चोपड़ा, अमित चावला,दीपक,सुन्दर सिंह मनवाल,विनोद,मोहित आदि सहित सैंकड़ों श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।
हरिद्वार। कनखल स्थित श्री तिलभाण्डेश्वर महादेव मंदिर का 31वां वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया। श्री तिलभाण्डेश्वर महादेव मंदिर के परमाध्यक्ष श्रीमहंत त्रिवेणी दास महाराज ने कहा कि श्रावण मास में की गई भगवान शिव की आराधना प्रत्येक भक्त को मनोवांछित फल प्रदान कर उसकी सभी दुश्वारियां को दूर करती है। देवों के देव महादेव भगवान शिव सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति देव हैं, जो भक्तों की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न होकर उन्हें मनवांछित फल प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि कनखल नगरी के कण-कण में भगवान शिव विद्यमान हैं। चातुमार्स के चार माह भगवान शिव कनखल में निवासरत रहते हुए सृष्टि का संचालन करते हैं। उन्होंने कहा कि ईश्वर तो प्रत्येक व्यक्ति के कण-कण में विराजमान हैं,किन्तु जो शिव को समर्पित हो गया वहीं उनके दर्शन का सौभाग्य प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव भक्त के जल,पुष्प अर्पण करने से ही प्रसन्न हो जाते हैं। इस कारण भी उन्हें महादेव कहा जाता है। शिव ही परम कल्याणकारी देव हैं। शिव अनादि हैं तथा अनन्त हैं। उन्होंने कहा कि चराचर जगत भगवान शिव का ही रूप है। इसी कारण से भगवान शिव की महिमा को अपरम्पार कहा गया है। इस अवसर पर कारोबारी महंत गोविन्द दास,अशोक पुरी,अरविन्द अग्रवाल,भारत भूषण,सचिन अग्रवाल,जगदीश वत्स,हिमांशु चोपड़ा, अमित चावला,दीपक,सुन्दर सिंह मनवाल,विनोद,मोहित आदि सहित सैंकड़ों श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।
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