हरिद्वार। कनखल स्थित श्री पंचायती निर्मल अखाड़े में श्री महंत ज्ञानदेव जी महाराज के पावन सानिध्य में भंडारे का आयोजन हुआ। इस मौके पर श्रीमहंत ज्ञानदेव जी महाराज ने अपने आशीर्वचनों से सभी भक्तगणों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर बोलते हुए कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा धर्म कर्म मनुष्य के कर्मों को शुद्ध करते हैं। धर्म करने से मनुष्य मे अच्छी संस्कारों का निर्माण होता है साधु संतों ऋषि मुनियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उसमें अच्छे संस्कारों का उदय होता है। मनुष्य के लिए धर्म कर्म नितांत आवश्यक है। सतगुरु तक पहुंचाने के लिए धर्म कर्म मनुष्य का मार्ग है ऐसे अच्छे कर्म मनुष्य को गुरु की वाणी से जोड़ते हुए गुरु के बताए पथ पर अग्रसर करते हैं मनुष्य को अपने अंदर सदैव दूसरों के प्रति सम्मान के साथ-साथ दया सत्कार तथा परोपकार की भावना रखनी चाहिए इस बार अवसर पर महंत खेम सिंह महंत निर्भय सिंह,श्याम गिरी महाराज, श्रवण दास वरिष्ठ कोतवाल कालीचरण महाराज सहित भारी संख्या में संत महंत उपस्थित थे।
हरिद्वार। कनखल स्थित श्री पंचायती निर्मल अखाड़े में श्री महंत ज्ञानदेव जी महाराज के पावन सानिध्य में भंडारे का आयोजन हुआ। इस मौके पर श्रीमहंत ज्ञानदेव जी महाराज ने अपने आशीर्वचनों से सभी भक्तगणों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर बोलते हुए कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा धर्म कर्म मनुष्य के कर्मों को शुद्ध करते हैं। धर्म करने से मनुष्य मे अच्छी संस्कारों का निर्माण होता है साधु संतों ऋषि मुनियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उसमें अच्छे संस्कारों का उदय होता है। मनुष्य के लिए धर्म कर्म नितांत आवश्यक है। सतगुरु तक पहुंचाने के लिए धर्म कर्म मनुष्य का मार्ग है ऐसे अच्छे कर्म मनुष्य को गुरु की वाणी से जोड़ते हुए गुरु के बताए पथ पर अग्रसर करते हैं मनुष्य को अपने अंदर सदैव दूसरों के प्रति सम्मान के साथ-साथ दया सत्कार तथा परोपकार की भावना रखनी चाहिए इस बार अवसर पर महंत खेम सिंह महंत निर्भय सिंह,श्याम गिरी महाराज, श्रवण दास वरिष्ठ कोतवाल कालीचरण महाराज सहित भारी संख्या में संत महंत उपस्थित थे।
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