हरिद्वार। ज्वालापुर स्थित मदरसा अरबिया दारूल उलूम रशीदिया केंद्र सरकार के बेटी बचाओ पढ़ाओ अभियान को सफलता पूर्वक आगे बढ़ाने में सहयोग कर रहा है। मदरसे में शिक्षा ग्रहण कर रहे एक हजार छात्र-छात्राओं में सात सौ बालिकाएं हैं। छात्र छात्राओं को हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत के साथ उर्दू की तालीम भी दी जा रही है। मदरसे के मास्टर साजिद ने बताया कि मदरसा दारूल उलूम रशीदिया शिक्षा का प्रमुख केंद्र है। 20वर्षों से मदरसे में शिक्षण कार्य किया जा रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित एनसीईआरटी की किताबों से मदरसे के बच्चों पढ़ाया जा रहा है। मदरसे के छात्र छात्राओं को उर्दू के साथ संस्कृत की शिक्षा भी दी जा रही है। मास्टर साजिद ने बताया कि मदरसे की छात्राएं संस्कृत के श्लोक का हिंदी में बेहतर अनुवाद करती हैं। प्रबंधक मौलाना आरिफ की देखरेख में मदरसे की शिक्षा प्रणाली में आधुनिक शिक्षा का समावेश करते हुए कंप्यूटर,पर्यावरण संरक्षण आदि की शिक्षा भी दी जा रही है। साथ ही समय-समय पर खेलकूद प्रतियोगिताओं व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। मास्टर साजिद ने कहा कि शिक्षा ही बच्चों के चरित्र निर्माण में भूमिका निभाती है। सभी अभिभावकों को बेटियों को भी शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध कराने चाहिए। मास्टर शादाब ने बताया कि शिक्षित समाज ही राष्ट्र निर्माण में मुख्य भूमिका निभाता है। उत्तराखंड वफ्फ बोर्ड द्वारा द्वारा मदरसों में संस्कृत पढ़ाए जाने के निर्णय से पहले से ही मदरसा दारूल उलूम रशीदिया में छात्र छात्राओं को संस्कृत भाषा की शिक्षा दी जा रही है। मदरसे आठवीं की परीक्षा पास करने के बाद मदरसे के छात्र छात्राएं अन्य स्कूल कॉलेजों से आगे की पढ़ाई करने के बाद विभिन्न क्षेत्रों में देश व प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं।
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