हरिद्वार। पतंजलि विश्वविद्यालय एवं‘सी.फॉरयू.इनोवेशन’के संयुक्त तत्वावधान में पतंजलि विश्वविद्यालय के सभागार में एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन टेड-एक्स के सौजन्य से हुआ जिसमें ज्ञान-विज्ञान-अनुसंधान,तकनीक,चिकित्सा,साहित्य एवं पर्यावरण से जुड़ी हस्तियों ने अपने विचार रखे।‘इस धरा को बेहतर जगह कैसे बनाएं’ विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में पर्यावरण संतुलन,वन संरक्षण एवं कार्बन उत्सर्जन में कमी कैसे करें आदि विषयों पर विद्वानों ने अपने महत्वपूर्ण एवं वैज्ञानिक विचार साझा किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ वैदिक मन्त्रों के साथ दीप प्रज्ज्वलन के माध्यम से पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति प्रो.महावीर अग्रवाल ,वि.वि.के विभिन्न संकायों के अध्यक्ष एवं कुलसचिव द्वारा किया गया। आगंतुक अतिथियों एवं वक्ताओं का स्वागत अभिनंदन भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के मुख्य केन्द्रीय प्रभारी स्वामी परमार्थदेव ने किया। उन्होंने इस वसुधा को स्वच्छ एवं सुरक्षित बनाने में सबको अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का संकल्प दिलाया। भारतीय संस्कृति के संवाहक प्रो.महावीर अग्रवाल ने अध्यक्षीय उद्बोधन के क्रम में उपस्थित प्रतिभागियों को वाल्मीकि जयंती एवं शरद पूर्णिमा की बधाई देते हुए कहा कि भारतवर्ष ने हमेशा चिरस्थायी चिन्तन पर बल दिया। हमारा आदर्श ,मूल्य,चिन्तन इतना श्रेष्ठ है कि इससे नवजीवन भी प्राप्त किया जा सकता है। संकायाध्यक्ष शोध डॉ.मनोज कुमार पटैरिया ने युवाओं को जीवन में उत्कर्ष की प्राप्ति के लिए नियमित अभ्यास,सही ज्ञान,वैज्ञानिक एवं तकनीकी स्वभाव तथा लगातार नवीन सोच को विकसित करने पर बल दिया। संकायाध्यक्ष शिक्षण प्रो.वी.के.कटियार ने समग्र स्वास्थ्य को प्राप्त करने के विभिन्न उपागमों के साथ श्वसन के जैव यांत्रिकी को समझाया। इस अवसर पर कैंसर सर्जन डॉ.अर्पित बंसल ने सतत् विकास हेतु विभिन्न उपायों की चर्चा की एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति विद्यार्थियों को जागरुक किया। पतंजलि वि.वि.के पक्षी वैज्ञानिक डॉ.रोमेश कुमार शर्मा ने जीवो के आवास-विकास पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस सम्मेलन में अतिथि वक्ता के रूप में स्वामीराज विभू,डॉ.उप्पिलिअपन गोपालन,ईष्णा अग्रवाल ,सुश्री दीपशिखा यदुगिरि ने भी अपने उद्बोधन से प्रतिभागियों का ज्ञानवर्द्धन किया। कार्यक्रम का समन्वयन ‘सी.फॉर.यू. इनोवेशन’के प्रणव एवं वि.वि. के छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष डॉ.बिपिन दूबे द्वारा किया गया। योग विज्ञान विभाग के शोधार्थी हिमांशी एवं प्रभु नारायण द्वारा कार्यक्रम का सफल संचालन किया गया। सम्मेलन में शोधार्थियों व स्नातक-परास्नातक के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया।
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